भारतीय जूनियर हॉकी टीम ने अपना दबदबा जारी रखते हुए चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 2-1 से हराकर चौथी बार एशिया कप खिताब जीत लिया।
आठ साल बाद हो रहे इस टूर्नामेंट को देखने के लिए भारी तादाद में भारत और पाकिस्तान के फैन्स जुटे थे। आखिरी क्षणों में पाकिस्तान ने काफी आक्रामक हॉकी का खेल दिखाया लेकिन भारतीय गोलकीपर मोहित एचएस की अगुवाई में रक्षापंक्ति ने उनके हर वार को नाकाम कर दिया।
दोनों टीमें इससे पहले तीन बार जूनियर पुरूष हॉकी एशिया कप के फाइनल में भिड़ चुकी हैं। पाकिस्तान ने 1996 में जीत दर्ज की थी, जबकि 2004 में भारत विजयी रहा। भारत ने पिछली बार मलेशिया में खेले गए टूर्नामेंट में पाकिस्तान को 6-2 से हराकर खिताब जीता था।
अंगद बीर सिंह ने 13वें, अरिजीत सिंह ने 20वें मिनट में गोल किए। पाकिस्तान की ओर से एकमात्र गोल 37वें मिनट में अब्दुल बशरत ने किया।
इस टूर्नामेंट में अपना अजेय प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम ने मलयेशिया में होने वाले अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) पुरुष जूनियर विश्वकप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है।
इससे पहले भारत ने 2004, 2008 और 2015 में जूनियर एशिया कप हॉकी का खिताब जीता था। पाकिस्तान यह टूर्नामेंट तीन बार (1987, 1992 और 1996) जीत पाया है।
इस टूर्नामेंट में अपना अजेय प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम ने मलयेशिया में होने वाले अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) पुरुष जूनियर विश्वकप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है।
अंगदबीर ने अरिजीत के शॉट पर छिटकी गेंद को गोलपोस्ट में पहुंचाकर पहला गोल कर दिया। अरिजीत ने बढ़त 2-0 कर दी थी। मध्यांतर के बाद पाकिस्तान को एक गोल उतारने में सफलता मिली।
अंतिम क्वार्टर में पाकिस्तान ने बराबरी के लिए काफी प्रयास किए पर भारतीय रक्षक पंक्ति मुस्तैद थी। भारतीय कप्तान उत्तम सिंह मैन ऑफ द मैच चुने गए।
हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड ने इसके लिए टीम के खिलाड़ियों को 2-2 लाख और सपोर्ट स्टाफ को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।