बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम (एस) पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी दिल्ली क्या गए बिहार ने उनका दिल तोड़ दिया। फिलहाल हम सुप्रीमो अभी दिल्ली में हैं, वहां बीजेपी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, खुद के लिए एनडीए में शामिल होने की जुगाड़ लगा रहे यहां बिहार में उनका कबाड़ा निकल गया।
दरअसल, सीएम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें तगड़ा झटका ऐसा दिया है कि मांझी की पार्टी के तमाम नेताओं ने जदयू पार्टी की सदस्यता ले ली है।
जीतनराम मांझी की हम पार्टी के ध्रुव लाल मांझी, शफिर उल हक, रामेश्वर बैठा, विनय बैठा, सन्तोष बैठा, अशोक सिन्हा सहित बड़ी संख्या में नेताओं ने जेडीयू का दामन थाम लिया है।
पटना स्थित जेडीयू दफ्तर में हम के नेताओं को सदस्यता दिलाई गई। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने जीतन राम मांझी की पार्टी के तमाम नेताओं को जेडीयू की सदस्यता दिलाई। इस दौरान मंत्री रत्नेश सदा भी मौजूद रहे।
मिलन समारोह में मंत्री विजय चौधरी, लेशी सिंह, जमा खान और रत्नेश सदा भी मौजूद रहे। इस दौरान जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने मांझी पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि मांझी के लिए परिवार हित सर्वोपरि है। वो अपने समाज के लोगों को दिग्भ्रमित करके रखते हैं और उन्होंने अब तक सिर्फ अपने परिवार का भला किया है।
उधर जीतन राम मांझी ने 19 जून को महागठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. जीतन राम मांझी ने खुद राज्यपाल से मिलकर समर्थन वापसी का पत्र सौंपा था। इसके बाद वो सीधा दिल्ली रवाना हो गए थे।
दिल्ली में वो बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक, इस मीटिंग में जीतन राम मांझी अपनी डिमांड को बीजेपी आलाकमान के सामने रख सकते हैं, यदि डील डन हुई तो एनडीए में वापसी का ऐलान भी हो सकता है।
दिल्ली में मांझी बीजेपी नेताओं के अलावा अन्य दलों के नेताओं से भी मुलाकात करने वाले हैं। उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी थी।
मांझी ने कहा था कि राजनीति में व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती है। उन्होंने कहा था कि वो दिल्ली में सभी नेताओं से मुलाकात करने का प्रयास करेंगे, चाहे वो बसपा के हों या कांग्रेस के।
उन्होंने कहा था कि हम राहुल गांधी और मायावती से भी मिलने का प्रयास करेंगे। एनडीए सहयोगियों से भी मुलाकात करने का प्रयास होगा।