प्रशांत कुमार, कुशेश्वरस्थान,देशज टाइम्स। आम जनता को चाहिए विकास, इसमें बाधाएं उत्पन्न करने वाला कौन होता है न्यास।
जब नगर पंचायत के नाम पर यहां की जनता टैक्स नगर निकाय को देती है तो इसमे न्यास का क्या काम है। गांवों में कहा जाता है कि एक मुर्गे को कितनी बार हलाल करोगे।
पर कुशेश्वरस्थान नगर पंचायत की जनता दो बार हलाल हो रही है। 26 एकड़ भूमि पर दावा कर रहे न्यास सभी से टैक्स लेती है। और उसी 26 एकड़ में बसे लोगो को नगर निकाय को भी टैक्स देना पर रहा है।
चाहे वह बिजली बिल के माध्यम से हो या फिर जमीन खरीद बिक्री पर हो। हालांकि, स्थानीय नगर निकाय का चुनाव होने के बाद किसी प्रकार का टैक्स फिक्स नहीं किया गया है।
अगर नगर निकाय पूर्ण रूप से टैक्स लगाती है तो क्या यहां बसे 26 एकड़ के लोगो को दो दो टैक्स पेय करना होगा यानी की दो बार हलाल होंगे। आखिर इस समस्या का निदान किसके पास है।
स्थानीय भूपेश भारती, मो. जब्बार, जयहिंद कुमार, शंकर प्रसाद, मो. इदरीश सहित दर्जनों लोग बताते हैं कि अभी पूर्ण रूप से नगर पंचायत का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। अगर नगर पंचायत में रेन्ट लागू हो जाता है तो क्या हमलोग न्यास और नगर दोनो को रेन्ट देंगे।
अभी जब नगर पालिका के अधीन कोई भी जमीन की खरीद बिक्री होती है तो अलग से 2 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है। नगर क्षेत्र में बिजली बिल में बढ़ोतरी कर दी गई है। सरकार या सरकार के अधिकारी फौरन संज्ञान ले नही तो हमलोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
नगर निकाय के मुख़्य पार्षद शत्रुध्न उर्फ जैरुन पासवान बताते हैं कि जब रामपुर राउत रेवेन्यू विलेज को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया तो न्यास भी नगर पंचायत के अधीन होना चाहिए।
अगर नगर पंचायत पूर्ण रूप से अपना कार्य प्रारंभ करेगी तो क्षेत्र के विकास के लिए नगर पंचायत को टैक्स देना ही होगा। ये मामला विवाद का रूप ले उससे पहले विभाग इस मामले को संज्ञान में ले और उचित फैसला करना होगा।