मई,18,2024
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Darbhanga रचेगा इतिहास, 51 वर्षों के बाद अगले 5 दिनों में अंतिम कोने तक पहुंचेगा पानी

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दरभंगा, देशज टाइम्स। समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में जल संसाधन-सह-सूचना एवं जन संपर्क विभाग के मंत्री संजय कुमार झा की अध्यक्षता में सिंचाई एवं बाढ़ को लेकर बैठक आयोजित की गयी।

बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने सर्वप्रथम सिंचाई व्यवस्था को लेकर पश्चिमी कोशी मुख्य नहर में पानी की स्थिति के संबंध में अभियंता प्रमुख के साथ-साथ एवं संबंधित अधीक्षण अभियंता से जानकारी ली।

पश्चिमी कोशी नहर के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि वर्तमान में एक हजार क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा गया है। विगत वर्ष 4,200 क्यूसेक तक पानी छोड़ा गया था। अपर मुख्य सचिव ने प्रतिदिन 500 क्यूसेक पानी बढ़ाने के साथ 05 दिनों में शेष 2500 क्यूसेक पानी की आपूर्ति बढ़ाने तथा सभी निकास द्वार को पटवन के लिए खोलने का निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए यही सर्वाधिक उपर्युक्त समय है। ऐसे समय में किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि दरभंगा के जलस्तर में वृद्धि करने के लिए यह सबसे अच्छा प्रयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि दरभंगा के गिरते भू-जल स्तर को देखकर ही मुख्यमंत्री की ओर से जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया गया।

उन्होंने कहा कि अगले 05 दिनों में नहर के अंतिम कोने तक पानी पहुंचा दें। इससे जमींदारी बांध में नये निर्माण की भी जांच हो जाएगी। 51 वर्षों के बाद जब दरभंगा के इन क्षेत्र के लोगों को पानी इस नहर से मिलेगा, तो उनमें सरकार के प्रति विश्वास जगेगा। हमारी पहली प्राथमिका खेतों में पानी पहुंचाना होना चाहिए।

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बैठक में जमींदारी बांध में अबतक किये गये कार्य एवं शेष कार्य की स्थिति की समीक्षा की गई।  बाढ़ से सुरक्षा के लिए किये गये तटबंध सुरक्षा व कटाव निरोधक कार्य की समीक्षा की गई। इसमें अपर मुख्य सचिव ने कहा कि तटबंध पर जितने भी संवेदनशील स्थल चिन्ह्ति है, वहां बालू एवं बैग उपलब्ध रहना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में बैग में मिट्टी नहीं भरा जाना चाहिए, नहीं तो यह बाढ़ में ढह जाएगा। इसके अतिरिक्त बालू आपूर्ति के लिए ट्रैक्टर एवं संवेदक चिन्ह्ति रखे जाएं। उनके मोबाइल नंबर रखे जाएं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरंत बालू की व्यवस्था की जा सके, सुरक्षित मजदूरों की दूरभाष सूची रखी जाए।

उन्होंने कहा कि बांध पर गश्ती लगाने वाले मजदूरों को जैकेट, जल संसाधन विभाग अंकित टोपी, एक सिटी, छाता एवं टॉर्च उपलब्ध कराई जाए। उनके निरीक्षण स्थल निर्धारित एवं चिन्ह्ति होनी चाहिए, ताकि उन्हें पता रहे की कहां से कहां तक के बांध की निगरानी की जिम्मेवारी उन पर है।

दरभंगा, समस्तीपुर एवं मधुबनी जिले में विभिन्न बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल द्वारा किये जा रहे तटबंध सुरक्षा एवं कटाव निरोधक निर्माण कार्य की समीक्षा बारी-बारी से की गई। वहीं, संबंधित अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता एवं संबंधित संवेदक को दिन-रात काम कराकर यथाशीघ्र लंबित कार्यों को पूरा करने का निर्देश दिया गया। इसके लिए मजदूरों की संख्या में वृद्धि करने का भी निर्देश दिया गया।

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बैठक में जिलाधिकारी राजीव रौशन की सुरक्षा के लिए प्रतिनियुक्त कर्मियों को उनके निगरानी के लिए स्थल निर्धारित एवं चिन्ह्ति करने को कहा गया तथा दोनों बांध के बीच की पेटी में निजी व्यक्तियों की ओर बड़े निर्माण कराने की जानकारी दी गई।

मंत्री की ओर इस पर विभागीय स्तर से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। बैठक में उप निदेशक, जन संपर्क एनके गुप्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी बालेश्वर प्रसाद, प्रभारी पदाधिकारी आपदा आलोक राज एवं संबंधित विभाग के पदाधिकारीगण एवं अभियंतागण उपस्थित थे।

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