कमतौल, देशज टाइम्स ब्यूरो। हालांकि क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित करने वाली अधवारा जल समूह के खिरोई नदी व धौस नदी का जलस्तर बहुत नीचे है, लेकिन अगर यह खतरे के निशान को पार कर जाती है, तो क्षतिग्रस्त महाराजी बांध का पश्चिमी तटबंध के कारण कमतौल अहियारी, ढढिया, रजौन,अहियारी दक्षिणी, कुम्हरौली, ब्रह्मपुर पूर्वी आदि गांवों का दहना तय है।
ग्रामीणों की शिकायत पर कमतौल,अहियारी नगर पंचायत के मुख्य पार्षद रंजीत कुमार प्रसाद सहित सजग ग्रामीण अवनीश कुमार ठाकुर, बैद्यनाथ सिंह ,संजीत यादव,निर्मल कुमार व मुरारी ठाकुर ने सोमवार को कमतौल कोठी से मधुबनी जिला के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के हीरोपट्टी गांव तक महाराजी बांध के पश्चिमी तटबंध का निरीक्षण किया, तो दो दर्जन जगहों पर रैट होल एवम् भंवरी फूटा पाया गया।
इस संदर्भ में मुख्य पार्षद श्री प्रसाद ने बताया कि संभावित आपदा से सर्वाधिक प्रभावित जाले प्रखंड क्षेत्र होगा। इसके लिए जाले में मंगलवार को आयोजित होने वाले अनुश्रवण समिति की बैठक में इस मुद्दा को रखकर हर हाल में निदान निकाला जाएगा।
बांध की सुरक्षा के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को सूचित कर शीघ्र तटबंध की मरम्मत की शीघ्र कराई जाएगी। बता दें, वर्ष 2018 ई0 के बाद अभी तक कमतौल से हीरोपट्टी (3 किलोमीटर) तक इस बांध की सही ढंग से मरम्मत नहीं किए जाने से चूहा, जंगली जानवर आदि ने बांध के आर-पार सुरंग बना दिया है, जो कि संभावित बाढ़ के दौरान खतरनाक बन सकता है।