विधानसभा घेराव को जा रहे भाजपा के विधायकों और कार्यकर्ताओं को पुलिस की लाठी पड़ी है। बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता तीन मांगों को लेकर विधानसभा घेराव के लिए गांधी मैदान से निकली थी। पहली मांग नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देना, दूसरा- 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के वादा का क्या हुआ, तीसरा- चार्जशीटेड तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर बीजेपी मार्च कर रही है।
पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां चलाई। डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। कार्यकर्ता जब नहीं माने तो पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार कर आंसू गैस के गोले छोड़े। फिर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
बीजेपी के बिहार विधानसभा घेराव को रोकने के लिए पटना पुलिस ने सुबह से ही चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी। डाकबंगला चौराहा पर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई, बिहार पुलिस के साथ बीएसएपी के जवानों को तैनात किया गया है।
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से उनके विधायक विधानसभा में जनता के सवाल को उठा रहे हैं। उससे सरकार घबराहट में आ गई है। इसी का बदला लेने के लिए बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऊपर जान बूझकर लाठीचार्ज किया गया है।
इस दौरान पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के ऊपर लाठियां बरसाईं। सिग्रीवाल बार बार कहते रहे कि वे सांसद है लेकिन पुलिस उनपर लाठी बरसाती रही।
बिहार में शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल नीति को खत्म करने, शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्ज देने और तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग को लेकर बीजेपी ने आज विधानसभा मार्च का आयोजन किया था। इस मांग को लेकर गांधी मैदान से विधानसभा की ओर जा रहे थे।
डाकबंगला चौराहे पर जब पुलिस ने नेताओं ओर कार्यकर्ताओं को रोका तो नेता और कार्यकर्ता डाक बंगला चौराहे पर ही बैठ गए हैं। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हमें खदेड़ा जा रहा है। इसमें कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। कार्यकर्ताओं के सिर फट गए। लाठीचार्ज के दौरान सांसद जनार्दन सिग्रीवाल के सिर पर भी चोट लगी है।
इसके बाद मौके पर अफरा तफरी मच गई। बीजेपी कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए पुलिस की ओर से वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया है। लाठीचार्ज के दौरान कई नेता और कार्यकर्ता चोटिल हो गए हैं।