आपका DeahajTimes.com आज 20 जुलाई 2023 को पांच साल का हो गया। इन सालों में हम पंचर चक्कों के साथ आगे बढ़ें हैं। बिना हार्न बजाए। सिर्फ एक स्ट्रेयरिंग
के सहारे। बिना हवा, पानी और खाना के हमनें निरंतर पत्रकारिता को जिंदा रखा है।
यह मिशन, हमारी खुद की जिद की बड़ी जीत है। इस विजयी-श्री का तमंगा आपको
आज भेंट करता हूं। आप सुधी पाठक हमारे साथ ना होते। हमारा संबल नहीं बनते। हमें, 60 लाख से अधिक सुधी पाठकों का भरोसा नहीं मिलता। यकींन मानिए, हम यह जंग नहीं जीत पाते।
आज आपकी चाहत ने देशज टाइम्स को उस मुकाम, दहलीज को पार करा दिया है, जहां असंभव से आगे पाठकों की असंख्य एक बहुत बड़ी दुनिया है। पाठकों की बेशुमार चाहत है। बेशकीमती प्यार है। जो, हर दिन देशज टाइम्स की खबरों से जुड़े हैं। उन्हें पढ़ ही नहीं रहे औरों के साथ सांझा भी कर रहे हैं। हमें विस्तारित, अगुवा बना रहे हैं। उनकी पढ़ने की इसी लत ने हमें सर्वश्रेष्ठ बनाया गया। खास यह, इन सालों में आपने कभी हमारी ईमानदारी पर शक नहीं किया। वैसे, शक की कहीं गुंजाइश थी भी नहीं।
बिना किसी पक्ष और विपक्ष को साधे, एक लक्ष्य, एक रास्ता, एक पथ, एकात्मता के साथ स्वस्थ और निष्पक्ष पत्रकारिता की बुनियाद को ही हमनें बुलंदी से लबालब खड़ा किया है। इसमें, पवित्रता है। साफगोई है। सत्य बोलने की ताकत है। सत्य खबरों को लिखना, उसका पोस्टमार्टम करना ही हमारी फितरत में शामिल है। हम वर्ग में नहीं बंटे हैं। ना संप्रदाय की सीमा सूत्र में जकड़े हैं। यही वजह है, दुनिया आज जान चुकी है, देशज टाइम्स वही लिखता है जो सत्य है। सच के सिवाय कुछ नहीं। हम बिना किसी लाग-लपेट के आप तक उस सच्चाई को परोसते रहे हैं, जिससे समाज का सीधा सरोकार है, या रहा है।
हम बे-मतलब की खबरें नहीं लिखते। हम, वैसी ही खबरें आपतक पहुंचाते हैं। जिन्हें जानना, समझना आपके लिए जरूरी है। हमें हर घर की फिकर है। हमारी कोशिश और सोच की सामुच्य में यही बावस्त है कि समाज में बरकत हो। समाज उन्नति की राह खुद चुनें। उसे
तराशे। निखरकर आगे बढ़े-निकले। बस, इतना भर है कि हम खबरों से बस आपको
आगाह करते रहें।
यही वजह रही है, हम बार-बार आपसे अनुरोध करते रहे हैं, देशज टाइम्स पढ़िए जाग जाइए। कारण, हम खबरों के गरम भांप हैं। देशज टाइम्स की कहीं किसी से कोई स्पर्धा-प्रतियोगिता नहीं है। हम खुद में जीते हैं। खुद में पर्याप्त हैं। स्वयं में समाहित हैं। हमारी जरूरतें बस इतनी भर है कि हम आप तक भरपूर खबरें परोस सकें।
हां, यह जरूर है कि इन सालों के दौरान देशज टाइम्स को कई स्तरों पर सहयोग की जरूरत पड़ी है, आप उसके सहभागी-भागीदार बन सकते थे। मगर, हमनें आपसे कभी मांगा नहीं। फिर आपसे शिकायत की कोई सतही गुंजाइश बनती नहीं।
हां, इतना जरूर है, इस बीच हमारे लिए सहयोग के कुछ हाथ जरूर उठे हैं, वह भी बिन मांगें। लेकिन वह नाकाफी है। खबरों के विशाल मंच और दुनिया की बढ़ती ताकत के साथ खुद के सामंज्य को बनाए रखना चुनौती रहा है, और है। अनगिनत मजबूत प्लेटफार्म से जूझना, उससे लड़ना, उसके साथ बने रहना, हमारी टीम के लिए किसी मजबूत-मजबूरी से कम नहीं है।
खबरों के नए रूप-आकार-स्वरूप को आपत क पहुंचाने में हर समय आर्थिक रूकावटें हमारे सामने आती रहीं हैं या है। मगर, सुधी पाठकों के हौंसले और टीम के साथियों के भरपूर समर्थन और उत्साह ने हमें लगातार नई संजीवनी दी। नव ताकतों का अहसास कराया है। हालांकि, अभी भी हमारी मंजिल हमसें कोसो है। मगर, आपके बीच बने रहने की हमारी जिद, नई नहीं हैं। उम्मीद यही है,
जों मांगने से मिले वो कर्ज, भीख, एहसान हैं
जो बिन मांगें मिले वो फर्ज, मदद और दान हैं।