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21 जून, 2024
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मदरसों से लापता हो गए 10 हजार छात्र!

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स्कॉलरशिप (Scholarship Scam in Madrassas) को आधार से लिंक करते ही मदरसों से लापता हो गए 10 हजार छात्र! मौलानाओं ने साधी चुप्पी। उत्तर प्रदेश के हरदोई में विद्यार्थियों के नामांकन के साथ आधार की अनिवार्यता से जिले में चल रहे मदरसों में फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आ रहा है।

आधार अनिवार्य होते ही जनपद में गत वर्ष की अपेक्षा मदरसों में 10,000 छात्र अचानक गुम हो गए। कई मदरसों में 90% छात्रों का ब्योरा ही नहीं मिल पा रहा है। हरदोई जनपद में 141 मदरसे संचालित हैं।

पिछले शिक्षा सत्र में इन मदरसों में 25 हजार 944 बच्चे अध्ययन कर रहे थे। हरदोई में विद्यार्थियों के नामांकन के साथ आधार की अनिवार्यता से जिले में चल रहे मदरसों में फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आ रहा है।

आधार अनिवार्य होते ही जनपद में गत वर्ष की अपेक्षा मदरसों में 10,000 छात्र अचानक गुम हो गए। कई मदरसों में 90% छात्रों का ब्योरा ही नहीं मिल पा रहा है। हरदोई जनपद में 141 मदरसे संचालित हैं। पिछले शिक्षा सत्र में इन मदरसों में 25 हजार 944 बच्चे अध्ययन कर रहे थे।

शासन ने निर्देश दिए कि सभी विद्यार्थियों को आधार से जोड़ा जाए. इसके पीछे की वजह थी कि जो छात्रवृत्ति (Scholarship Scam in Madrassas) थी, वह ऑनलाइन छात्रों के खाते में पहुंच सके और फर्जीवाड़ा न हो सके।

सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई बार छात्र मदरसों या किसी प्राइवेट संस्थान में पढ़ते हैं या फिर इनका कोई अस्तित्व नहीं होता है। जब इन छात्रों को आधार से लिंक किया गया तो चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं।

यू डाइस पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक विगत शैक्षणिक सत्र में जनपद में संचालित 141 मदरसों में 25 हजार 944 विद्यार्थी थे। जब आधार अनिवार्य हुआ। तब यही संख्या घटकर 16 हजार के आस पास हो गई। मतलब यह कि 10 हजार के आसपास छात्रों का कोई अता पता नहीं है। यही वजह है कि इन छात्रों को आधार से नहीं जोड़ा जा सका।

विद्यार्थियों का ब्यौरा जब आधार से जोड़ा गया तो 10 हजार के आसपास छात्र मिल ही नहीं सके। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इन छात्रों की छात्रवृत्ति कहां जा रही थी और कौन इसका इस्तेमाल कर रहा था।

अल्पसंख्यक विभाग के अनुसार पढ़ रहे बच्चों को 300 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जाती थी। मतलब एक छात्र को 3600 रुपए सालाना की छात्रवृत्ति (Scholarship Scam in Madrassas) मिलती थी। अगर आंकड़ें जुटाए तो 10000 बच्चों में छात्रवृत्ति की यह राशि करीब 3 करोड़ 60 लाख हुई। अब इन्हीं छात्रों का ब्यौरा नहीं मिल रहा है।

जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार आधार सीडिंग का काम चल रहा है। जब मदरसों में अध्ययन कर रहे छात्रों को आधार से जोड़ा गया। करीब 9 हजार से ज्यादा बच्चे मिसिंग (Scholarship Scam in Madrassas) पाए गए। इस पर जांच कराई जा रही है कि वे बच्चे कहां हैं। जिन बच्चों के नाम मदरसों में दर्शाए गए, वे वाकई वहां पर रजिस्टर्ड भी थे या नहीं। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

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