इस बैठक में बीपीआरओ रूपेश कुमार ने कहा कि प्रखंड के सभी पंचायतों के कुंआ का जीर्णोद्धार 15 दिनों के अंदर किया जाना है। वहीं, प्रखंड क्षेत्र के सभी नल जल योजना के संचालन का भार अब लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन (पीएचईडी) के जिम्मे हस्तांतरित किया जा रहा है।
अब नल जल योजना का संचालन का भार पीएचइडी विभाग के अधीन किया जा रहा है।उन्होंने कहा है कि अब तक पीएचइडी विभाग को कुल 90 नलजल का हस्तांतरण कर दिया गया है।
वहीं अन्य का भी हस्तांतरण अतिसीघ्र कर दिया जाएगा। जल जीवन हरियाली योजना के तहत प्रखंड क्षेत्र के चिन्हित 150 कुआं का जीर्णोद्धार किया जाना है। इसमें अब तक 45 कुंआ के जीर्णोद्धार का काम पूर्ण कर लिया गया है।
वहीं, 105 कुंओं का जीर्णोद्धार पंद्रह दिनों के अंदर हर हाल में पूर्ण कर लिया जाएगा। पंचायत सचिवों से बिंदुवार किए गए समीक्षा के दौरान पंचायत सचिव ने जानकारी दी कि कतरौल बसंत पंचायत में सभी छह कुआं में से चार कुआं का जीर्णोद्वार कर लिया गया।
दो कुंओं की खोज की जा रही है। जोगियारा में पंद्रह कुंओं का जीर्णोद्वार किया जाना है। इसमें सात कुंओं का काम पूर्ण किया जा चुका है। प्रखंड क्षेत्र में सर्वाधिक कुआं रतनपुर में 22 है। इसमे चार कुआं पर जीर्णोद्वार कार्य जारी है।
देउरा बंधौली में सोलह कुआं है। इसमें चार पूर्ण कर लिया गया है। कछुआ में 11 कुआं में से एक का ही कार्य पूर्ण हो चुका है। राढी दक्षिणी में छह कुआं में किसी का भी जीर्णोद्धार कार्य नहीं किया गया है, मस्सा में आठ कुंआं है।
इसमें से किसी का जीर्णोद्वार कार्य नहीं किया गया है। ब्रह्मपुर पश्चिमी पंचायत में 14 कुआं में से दो ही जीर्णोद्वार किया गया है। राढी दक्षिणी में 6 कुंआ जीर्णोद्वार के प्रत्यासा में है। अन्य पंचायतों से रिपोर्ट खंगाला जा रहा है।
डीपीआरओ रूपेश कुमार ने स्पष्ट रूप से सभी पंचायत सचिव को कहा कि अगर 15 दिनों के अंदर सभी कुआं का जीर्णोद्धार एवं नल जल योजना का स्थानांतरण लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन को नहीं किया गया, तो वैसे पंचायत सचिवों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।