सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में 26,000 उम्मीदवारों का रास्ता साफ हो गया है। झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक वाले अपने आदेश को हटा दिया है।
इससे राज्य में 26000 अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ बहादुर महतो नाम के व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिन्होंने सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी थी।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को सिर्फ 100 सीटें खाली रखने का आदेश दिया है। बहादुर महतो द्वारा दायर याचिका में केवल पारा शिक्षकों को आरक्षण का लाभ दिया गया था। राज्य सरकार के इस कदम को चुनौती देते हुए गुरुवार को याचिका पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को सिर्फ 100 सीट खाली रखने का आदेश दिया। बहादुर महतो ने राज्य सरकार के उस कदम को चुनौती देते हुए याचिका दायर की। जिसमें केवल पारा शिक्षकों (सरकारी स्कूलों में तयशुदा मानदेय पर काम करने वाले अनुबंधित टीचर्स) को आरक्षण का फायदा दिया गया था।
दायर याचिका में कहा गया कि सरकार ने सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में पारा शिक्षकों को 50 फीसदी का आरक्षण दिया है, जबकि शिक्षा विभाग में कार्यरत ब्लॉक रिसोर्स पर्सन और क्लस्टर रिसोर्स पर्सन को आरक्षण का कोई लाभ नहीं दिया गया है।
यह भी तर्क दिया गया कि आयोग द्वारा 2023 में बनाई गई सहायक शिक्षक नियुक्ति नियमावली से अनुबंध पर नियुक्त शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को वंचित कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि, राज्य सरकार ने 26,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए व्यापक योजना बनाई थी।
12,888 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति पारा शिक्षकों से की जाएगी, जबकि 13,133 सहायक शिक्षकों के पद गैर पारा शिक्षक वर्ग से भरे जाएंगे। कक्षा 1 से 5 और कक्षा 6 से 8 तक के लिए सहायक शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी। इससे पहले 5 सितंबर को याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
बहादुर महतो ने याचिका में कहा कि सरकार ने सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में पारा शिक्षकों को 50 फीसदी का आरक्षण दिया है। वहीं शिक्षा विभाग में कार्यरत ‘ब्लॉक रिसोर्स पर्सन’ और ‘क्लस्टर रिसोर्स पर्सन’ को आरक्षण का कोई लाभ नहीं दिया गया है।
उन्होंने दलील दी कि आयोग की ओर से 2023 में बनाई गई सहायक शिक्षक नियुक्ति नियमावली से अनुबंध पर नियुक्त शिक्षा विभाग के कर्मियों को वंचित कर दिया जाएगा। इससे भारी पक्षपात होगा।