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25 नवम्बर, 2024
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बौखलाई धरती…भूकंप के झटकों से भारी तबाही, 2000 से ज्यादा लोगों की मौत

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पश्चिमी अफगानिस्तान में आए भूकंप से भारी तबाही हुई है। भूकंप से हेरात प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। अब तक 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में साझा की गई है। देश के राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण ने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है।

जानकारी के अनुसार,अफगानिस्तान के पश्चिम में शक्तिशाली भूकंप में 2000 से अधिक लोग मारे गए हैं। पश्चिमी अफगानिस्तान में ईरानी सीमा के पास आए इस शक्तिशाली भूकंप की वजह से 9,240 लोग घायल हुए हैं।

वहीं, भूकंप से 1,328 घर तबाह हो गए हैं। अफगानिस्तान के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, शनिवार दोपहर सबसे पहले 12:11 बजे रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद 12.19 बजे 5.6 तीव्रता और 12.42 पर तीसरा भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 दर्ज की गई।

तालिबान प्रवक्ता के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अफगानिस्तान के पश्चिम में शक्तिशाली भूकंप में लगभग 2,000 लोग मारे गए हैं। ईरान सीमा के पास सबसे ज्यादा विनाश हुआ है। लोग अभी भी मलबे के ढेर में फंसे हुए हैं।

भूकंप ने हेरात शहर से लगभग 40 किमी (25 मील) दूर कई गांवों को तबाह कर दिया है। कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं और लोग अभी भी मलबे के ढेर में फंसे हुए हैं। लोगों ने तीन शक्तिशाली झटके महसूस किए गए।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि हताहतों की संख्या बढ़ने का अनुमान है क्योंकि खोज और बचाव प्रयास जारी हैं, कुछ लोग ढही हुई इमारतों के नीचे फंसे हो सकते हैं। यूनिसेफ ने भूकंप के बाद की कुछ तस्वीरें जारी की हैं। यह देश में दो दशकों में आए सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक है।

अफगानिस्तान के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, सबसे पहले 12:11 बजे रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद 12ः19 बजे 5.6 तीव्रता और 12.42 पर तीसरा भूकंप आया।

इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 दर्ज की गई। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक भूकंप का केंद्र हेरात से 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था। दोपहर 11 से एक बजे के बीच 4.6 से 6.3 तीव्रता के कुल पांच झटके आए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हजारों लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है। दूरदराज क्षेत्र से नुकसान की अभी तक पूरी जानकारी सामने नहीं आ पाई है। इस दौरान हजारों मकानों के जमींदोज हो जाने की आशंका है।

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