जाले, देशज टाइम्स। सूचना प्रद्योगकी भवन अवस्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय के समक्ष प्रखंड क्षेत्र की हड़ताली आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने सोमवार को धरना प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति शाखा जाले के बैनर तले प्रखंड अध्यक्ष उमादेवी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रखंड की सभी आंगनबाड़ी सेवीका सहायिका बीते 29 नवंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चली गई हैं, जिससे आंगनवाड़ी केंद्र का सभी कामकाज ठप है।
वहीं, केंद्र में पोषण प्राप्त कर रहे बच्चों का पोषाहार व प्राथमिक शिक्षा से वंचित है। धरना प्रदर्शन को संगठन के जिलाध्यक्ष कुमारी श्वेता सुमन ने संबोधित करते हुए कही कि आंगन बाड़ी सेविका सहायिका का मानदेय बढ़ोतरी को राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि में वृद्धि आदेश को भी समाप्त कर देने के कारण हम सब हड़ताल में जाने का निर्णय किया है।
विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन सरकार की ओर से अपने घोषणा पत्र में कहा गया था कि सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को दुगुना मानदेय करेंगे।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सभी चुनावी सभाओं में कहते थे कि सत्ता में आते ही मानदेय करेंगे। लेकिन अबतक प्रतिनिधि मंडल से मिलने तक का उन्होंने समय नहीं दिया है। 26 जुलाई संघर्ष मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल, निर्देशक से मिलकर सरकार की ओर से किए गए
वादे को पूरा करने की मांग की तो,मानदेय राशि बढ़ाया जाना तो दूर अन्य मांगों को मानने से इंकार कर दिया ऐसी स्थिति में संघर्ष समिति ने हड़ताल में जाने का ही निर्णय लेना पड़ा।
आंगनबाड़ी सेविका सहायिका मरता क्या न करता । अगर सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं की तो यह आंदोलन अनिश्चित काल तक चलती रहेगी। प्रतिनिधि मण्डल में अध्यक्ष उमादेवी सचिन अनुपम कुमारी ने बाल विकास परियोजना पदाधिकारी जाले को 5 सूत्री मांगों का स्मार पत्र सौंपा।
इसमें बिहार सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि₹10हजार करने, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में ग्रेयुटी का भुगतान करने, केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों का दर्जा देने समेत पांच सूत्री मांगें शामिल हैं।