सिंहवाड़ा, देशज टाइम्स। सिंहवाड़ा का जन्म प्रमाण पत्र का मामला अब काफी तूल पकड़ लिया है। लगातार इसमें नए आयाम जुड़ रहे हैं। इससे पहले, शुक्रवार को जिला सांख्कीि पदाधिकारी की ओर से गठित टीम ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले की जांच की थी। इसमें आरोपी आपरेटर दोषी पाए गए थे। इसके बाद जांच टीम के सदस्यों ने कहा था कि जांच प्रतिवेदन डीएम को सौंपा जाएगा। अब पढ़िए आज नया क्या हुआ…
शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंहवाड़ा के डेटा आपरेटर राजीव कुमार पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के आरोपों की जांच करने जब नगर निगम दरभंगा की टीम सीएचसी पहुंची तो सनसनी फैल गई। कर्मियों में हड़कंप मच गया।
नगर निगम के नगर आयुक्त कुमार गौरव ने उक्त मामले की जांच के लिए सहायक सांख्यकी पदाधिकारी सह निबंधक नगर निगम उमेश कुमार सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम बनाई थी। टीम शनिवार की दोपहर लगभग बारह बजे अस्पताल पहुंची।
इस दौरान जांच टीम के सदस्य एमओआईसी डा हिना खुर्शीद के कक्ष में लगभग सवा घंटे तक मामले की जांच किए। जांच के बाद बाहर निकले टीम के सदस्यों ने बताया कि परिवादी विपुल कुमार मिश्र जांच के दौरान उपस्थित नही हो सके।
मोबाइल पर उन्होंने बताया कि वह क्षेत्र से बाहर हैं। आशा कार्यकर्ताओं से पूछताछ की गई है। जांच प्रतिवेदन अधिकारियों को सौंपा जाएगा। इसके बाद जांच टीम प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर आधार पंजीयन केंद्र गए जहां बैठे ऑपरेटर से आधार कार्ड बनाने के लिए आने वाले लाभार्थियों के जन्म प्रमाण पत्र की जांच किया।
इसके संबंध में जानकारी दी। जांच के दौरान अस्पताल में मौजूद एक आशा कार्यकर्ता ने बताया कि दो सौ रुपये लेकर डेटा आपरेटर जन्म प्रमाण पत्र बनाते हैं। हालांकि अधिकारियों की ओर से जब इस बाबत डेटा आपरेटर से पूछा गया तो आरोपी आपरेटर मुकर गया।
इधर लोगों में चर्चा है कि मामला एक वर्ष पूर्व उजागर हुई। लेकिन, विभाग के अधिकारी केवल पत्राचार एवं जांच में लगे हैं। जिला सांख्यकी पदाधिकारी की ओर से गठित जांच टीम के समक्ष डेटा ऑपरेटर पर लगाए गए आरोप की पुष्टि हुई थी उसके बावजूद विभाग अलग अलग जांच कर मामले में कार्रवाई के बदले खानापूर्ति में लगा है।