जाले, देशज टाइम्स। भागवत कथा श्रवण से मन का होता है शुद्धिकरण, इससे संशय दूर होता है और मन आत्म को शांति व मुक्ति मिलती है। यह बातें टेकटार स्थित मधुपुर गांव के श्यामाधाम परिसर में भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक राजीव कृष्ण जी महाराज ने (Devotees flocking to Rajeev Krishna’s Bhagwat Katha in Darbhanga) कही।
उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं। कलियुग में मात्र कथा सुनने से ही व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान और वैराग्य कथा सुनने से जाग्रत हो जाता है।
कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हैं।
अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी। कथा के बीच-बीच में भक्ति भजन पर श्रद्धालु झूमते नजर आए।