मुख्यमंत्री ने कहा, चमकी बुखार से इतनी बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं इसलिए यहां एक रिसर्च सेंटर की स्थापना करने की जरुरत है । उन्होंने बीमार बच्चों को तत्काल राहत दिलाने के लिए डाक्टरों से सलाह मशविरा कर जरूरी हिदायतें भी दीं।
मुजफ्फरपुर ,देशज टाइम्स। मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अस्पताल में भारी विरोध झेलना पड़ा। वे मंगलवार को एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को देखने और अस्पताल की व्यवस्था का जायजा लेने गए थे। इस जानलेवा रोग से मुजफ्फरपुर के दो अस्पतालों में अब तक 107 बच्चों की मौत हो चुकी है। मगर उनका हाल लेने के लिए नीतीश कुमार के पास समय नहीं था।
चमकी बुखार से पीड़ित कुछ मरीज इस नाकेबंदी के कारण अस्पताल जाने के रास्ते में फंस गए और भीषण धूप और गर्मी में वे और परेशान हो उठे। लोगों के गुस्से की दूसरी वजह यह भी थी कि मुख्यमंत्री मंत्री नीतीश कुमार ने इस रोग की भयावहता को गंभीरता से नहीं लिया और मरीजों को देखने तब पहुंचे जब कई दिन पहले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री मंत्री अश्विनी कुमार चौबे , बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय यहां आकर अस्पताल में मरीजों को देखकर जा चुके थे ।
पंद्रह दिनों के बाद मरीजों को देखने मंगलवार को मुख्यमंत्री जब मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच पहुंचे तो वहां नाराज लोगों ने उनका भारी विरोध किया। उनके पहुंचते ही लोग मुर्दाबाद और ‘वापस जाओ ‘ के नारे लगाने लगे। हंगामा लगभग बीस मिनट तक जारी रहा। लोगों में गुस्सा इसलिए भी था कि मुख्यमंत्री के अस्पताल आने से दो घंटे पहले ही अस्पताल जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए थे।
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