मई,17,2024
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Supreme Court का Supreme फैसला, B.ED के बाद अब D.El.Ed डिग्री धारक भी नहीं बन सकते Primary School के टीचर

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शिक्षक बनने वाले अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट ने एक और बड़ा झटका दिया है। अब डीएलएड डिग्री भी प्राइमरी स्कूल के टीचर नहीं बन पाएंगे। इसके बाद से उन टीचरों को काफी झटका लगा है जो डीएलएड की डिग्री लेकर प्राइमरी (Now even D.El.Ed degree holders will not be able to become primary school teachers) स्कूलों में टीचर बनने का सपना देख रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हाईकोर्ट के उस फैसले को रद कर दिया है, जिसमें NIOS से 18 महीने का डीएलएड डिप्लोमा प्राप्त करने वालों और 2 साल के डीएलएड डिप्लोमा वालों को बराबर माना गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 18 महीने वाला डीएलएड डिप्लोमा को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने शिक्षक भर्ती के लिए योग्यता के रूप में मान्यता नहीं दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि NIOS से 18 महीने का D.El.Ed डिप्लोमा कोर्स 2 साल के डिप्लोमा के बराबर नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी तथ्य बताते हैं कि NIOS से 18 महीने का D.El.Ed डिप्लोमा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की ओर से शिक्षक भर्ती के लिए योग्यता के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के कारण NIOS से 18 महीने के D.El.Ed डिप्लोमा धारक नई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि एनआईओएस बोर्ड से डीएलएड की डिग्री रखने वाले उम्मीदवार प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बनने के लिए पात्र नहीं हैं। इसलिए उन्हें प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक नहीं बनाया जायेगा। इस आदेश के बाद डीएलएड डिग्री धारक अभ्यर्थी को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले हाल ही में डीएलएड डिग्री धारकों को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ी राहत मिली है। पढ़िए पूरी खबर

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि एनआईओएस बोर्ड से डीएलएड की डिग्री धारी अभ्यर्थी प्राइमरी स्कूल के टीचर बनने के योग्य नहीं है। लिहाजा उन्हें प्राइमरी स्कूल का टीचर नहीं बनाया जाएगा।

इस आदेश के बाद डीएलएड की डिग्री धारी अभ्यर्थी को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के तरफ से ही डीएलएड की डिग्री धारक को बड़ी राहत भी मिली है।

जानकारी के अनुसार, जयवीर सिंह बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के तरफ से सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया गया कि एनआईओएस से डी.ईएल.ईडी की योग्यता रखने वाले उम्मीदवार प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए पात्र नहीं हैं।

लिहाजा उन्हें  प्राइमरी स्कूलों में टीचर बहाली के फ्रॉर्म भरने से वंचित किया जाए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद हाल ही में केंद्रीय विद्यालय के तरफ से बहाल टीचरों के लिए वेबसाइट पर अपलोड की गई लिस्ट में भी इन टीचरों को वेटिंग में रखा गया है जो एनआईओएस से डीएलएड की योग्यता रखते हैं।

इसको लेकर केवीएस के तरफ से साफ़ कहा गया है कि हम लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं। ऐसे में केवीएस वेबसाइट पर अपलोड की गई प्राथमिक शिक्षक पद के लिए चयनित उम्मीदवारों की अनंतिम सूची की समीक्षा की जा रही है और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।

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