back to top
25 नवम्बर, 2024
spot_img

आखिर निशाने पर क्यों रहे…RJD के 3 मंत्री और चंद्रशेखर…CM Nitish को कुछ-कुछ होता है…

बिहार में काबा। बिहार में नीतेशे कुमार बा...। नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के जन्मदाता हैं। जातिगत जनगणना, आरक्षण देने वाले, लाखों नौकरी बांटने वाले। तभी तो, पलकों पर बीजेपी आज भी बैठाने को बैचेन है। पगड़ी बांधने वाले, पगड़ी खोलने को हैं तैयार....बस, सबकुछ करो माफ...फिर से आ जाओ एनडीए में सरकार...बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी। बड़ा बयान। नीतीश कुमार अगर बीजेपी की सदस्यता लेना चाहें तो उनका स्वागत है। मगर, तंज भी, 'मैं तो कह ही रहा हूं न...क्या कह रहे। क्या सुना जा रहा। क्या होने जा रहा। कहना-समझना फिलहाल मुश्किल। जब, आंका ही तैयार तो क्या करेंगे श्रीमान्। कारण, हर तरफ दावा यही है, ऑल इज वेल...मगर, धड़कनें इंडिया की भी तेजी से उफन रहीं। भारत भी टकटकी में है, आ जाओ ना एकबार...शर्त्त ....राम-राम। कैसी शर्त्त...यहां तो सबकुछ पटाक्षेप के करीब है। ऑफर, आग्रह...सबकुछ साफ, बस, यहीं से शुरू होती है...लालू-नीतीश की ये मुलाकात...

spot_img
spot_img

देशज टाइम्स | Highlights -

spot_img

आरजेडी कोटे से तीन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल और शिक्षा मंत्री पूर्व चंद्रशेखर की अचानक से विदाई, नीतीश सरकार की चाल-चरित्र और सुधार की बदलती प्रवृत्ति की ओर से महज इशारा (After all, why were the 3 ministers of RJD and Chandrashekhar on target…something happens to CM Nitish…) भर है।

CM Nitish | तय है, सरकार की सोच बदल गई है। लोकसभा फिर विधानसभा…

तय है, सरकार की सोच बदल गई है। लोकसभा फिर विधानसभा। कई चुनाव बैक टू बैक है। ऐसे में, इल्जाम लगाने वाले सामने हैं। मगर, कपड़ों को साफ-सुथरा डिटरजेंट से धोना नीतीश को बखूबी आता है। लिहाजा, बिहार सरकार ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल कर दिया। एकबारगी,10 डिग्री लुढ़के कड़ाके की सर्दी का पारा अचानक से बिहार में सियासी तापमान के साथ हॉट हो गया।

CM Nitish | कुछ-कुछ ही नहीं बहुत कुछ इशारा भर है

नीतीश कैबिनेट का यह बड़ा फेरबदल बिहार की सियासी तकदीर में नई तीर है। लालटेन थामने वाले तीन मंत्री और सीएम नीतीश का एक आदेश। दो मंत्रियों को बदला गया। और, शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के छुट्टी से लौटते शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का यूं ट्रांसफर, आलोक मेहता को नया शिक्षा मंत्री बनाना, कुछ-कुछ ही नहीं बहुत कुछ इशारा भर है। यह ताकत, लालू से नीतीश की मुलाकात के बाद की बिटामिन है, जिसकी खुराक से राजनीतिक चिकित्सक भी अचंभे में हैं।

CM Nitish | मिथिलांचल और दरभंगा की साध है

ललित यादव के जिम्मे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का मंत्रीत्व। पहले से, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का चल रहा प्रभार। मिथिलांचल और दरभंगा की साध है। राजद कोटे से ललित यादव और जदयू कोटे से संजय कुमार झा, अली को दरभंगा, मधुबनी समेत मिथिलांचल में एक विशेष समन्वय के साथ आगे बढ़ाने की तैयारी है।

CM Nitish | यूं अचानक फेरबदल नहीं है

इससे पहले भी, जदयू की नई टीम में जातिगत समीकरण नीतीश की आगामी रणनीति में अहम और निर्णायक बनाने की सोच का हिस्सा सामने आ चुका है। मकसद यही, ताकि, धमक बरकरार रहे। साथ में, आरजेडी कोटे से तीन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल यूं सबकुछ अचानक नहीं है।

CM Nitish | ईबीसी वोटर्स पर टिकी है नजर

नीतीश कुमार को राजनीतिक पंडित 2005 से जोड़कर देख रहे हैं जब वह मुख्यमंत्री बने थे। और इसके बाद अति पिछड़े वर्ग को अपनी ओर मोड़ने में कामयाब रहे। ऐसा माना जा रहा है कि अब जबकि लोकसभा चुनाव नजदीक है, तो नीतीश EBC वोटर्स को एकजुट करने में जुटे हैं। इसे बीजेपी की राम मंदिर की सियासत के जवाब में सामाजिक न्याय की पॉलिटिक्स यानि कमंडल के जवाब में मंडल की कोशिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

CM Nitish | उधर राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, इधर, कर्पूरी ठाकुर की जयंती

22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा वाली तारीख है। इधर,बिहार में 22 से 24 जनवरी तक कर्पूरी ठाकुर की जयंती का कार्यक्रम है। कार्यक्रम के अंतिम दिन सीएम नीतीश कुमार 24 जनवरी को पटना में एक विशाल रैली भी करेंगे।

CM Nitish | जननायक की राह, करेगा राह आसान

नीतीश कर्पूरी ठाकुर की सिम्पल और साफ सुथरी राजनीति की बात करते कर्पूरी के बिहार को आगे बढ़ाने की वकालत करते नहीं थक रहे। कर्पूरी 1924 में समस्तीपुर में जन्मे। प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे। कर्पूरी समाजवादी नेता थे। वह बिहार में इतने लोकप्रिय थे कि उन्हें जननायक भी कहा जाता है। इसी से उनकी पहचान है। ऐसे में कर्पूरी ठाकुर पर इतना बड़ा कार्यक्रम करना क्यों जरूरी है?

CM Nitish | कमंडल के जवाब में मंडल की कोशिश

अति पिछड़े वर्ग और महादलित के अपने प्रयोगों के लिए नीतीश सुशासन बाबू हैं। अति पिछड़ा वर्ग को अपनी ओर मोड़ने में कामयाबी इनकी खासियत रही है। अब जब लोकसभा चुनाव नजदीक है, नीतीश EBC वोटर्स को एकजुट करने में जुटे हैं। अब इसे बीजेपी की राम मंदिर की सियासत के जवाब में सामाजिक न्याय की पॉलिटिक्स यानि  कमंडल के जवाब में मंडल की कोशिश है।

CM Nitish | बुलावा भी, साथ की चाहत भी,ताकत है तो रोक ले की धमकी भी

वैसे,जदयू बीजेपी में संबंध कैसे बनेंगे जब कर्पूरी ठाकुर जयंती कार्यक्रम को लेकर भाजपा और जदयू में टकराव ही बड़ी है। सम्राट चौधरी कहते हैं, हमारा मिलर हाई स्कूल ग्राउंड का रिजर्वेशन है। मगर, जदयू मिलर हाई स्कूल ग्राउंड में टेंट लगा दिया है। यह गुंडागर्दी है। नीतीश कुमार के राज्य में गुंडागर्दी के साथ लोकतंत्र की हत्या हो रही है। अगर लोकतंत्र की इसी तरह हत्या होती रहेगी तो हम लोग मजबूर होकर हमलोग राजद कार्यालय के सामने कर्पूरी जयंती कार्यक्रम मनाने का काम करेंगे। देखते हैं सरकार में कितनी गोलियां चलाने की ताकत है कि भाजपा के कार्यकर्ता को कर्पूरी जयंती मनाने से रोक सकता है।

CM Nitish | ये सियासी गलियारे में कट मार रही, उसकी गरमाहट भी है

मगर, सीएम नीतीश की कदमताल, सियासी गलियारे में खासी कट मार रही है। चर्चा है। उसकी गरमाहट है। आखिर, चंद्रशेखर को शिक्षा विभाग से हटाने के पीछे की वजह, गन्ना विभाग में भेजे जाने के कई मायने हैं।

CM Nitish | सब कुछ है यहां, जहां से इस पड़ताल की शुरूआत होती है

चंद्रशेखर का एसीएस केके पाठक से विवाद। चंद्रशेखर का मौकों-बेमौकों पर धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी। आरजेडी और जेडीयू के बीच पिछले कुछ दिनों से नाराजगी की अटकलें, सब कुछ है यहां, जहां से इस पड़ताल की शुरूआत होती है कि आखिर, नीतीश कुमार ने प्रो. चंद्रशेखर को शिक्षा विभाग से क्यों हटाया?

CM Nitish | बिहार में शिक्षा का स्तर बहुत खराब है…हंगामा यूं भी बरपा

चंद्रशेखर को शिक्षा विभाग से हटाने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें से एक कारण यह है कि उन्होंने अपने विभाग में कई विवादों को जन्म दिया। हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया था कि बिहार में शिक्षा का स्तर बहुत खराब है। इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था।

CM Nitish | ये नाराजगी है पुरानी

दूसरा कारण यह है कि चंद्रशेखर के ऊपर पार्टी के कुछ नेताओं से भी नाराजगी थी। इन नेताओं का कहना था कि चंद्रशेखर अपने विभाग में ठीक से काम नहीं कर रहे थे।

CM Nitish | अनुभवी के साथ अब तेज-तर्रार, नई जोड़ी है

आलोक कुमार मेहता को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी इसलिए सौंपी गई है क्योंकि वह इस विभाग में काफी अनुभवी हैं। उन्होंने पहले भी इस विभाग में काम किया है। वहीं, तेज-तर्रार और अभी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर ला रहे केके पाठक के साथ आलोक की यह नई जोड़ी, बिहार की शिक्षा व्यवस्था को उस मोड़ पर ले जाएंगें, उम्मीद यही है, सबकुछ बेहतर होगा। किताबें पन्नों में नई जान आएगी।

CM Nitish | पहले से जानना, उम्मीद से भरा है…

ललित कुमार यादव को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी इसलिए सौंपी गई है क्योंकि वह इस विभाग में पहले से ही काम कर रहे हैं। वह इस विभाग के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं।

CM Nitish | ये सियासत है, हलचल मच जाएगी, मची तो जवाब भी तैयार

बिहार में मंत्रियों के विभागों में फेरबदल क्या हुआ। सियासत में हलचल सी मच गई। विपक्ष इसे नीतीश सरकार की नाकामियों के नतीजे से जोड़ते इसे मंत्रियों की कार्यकुशलता के चश्मे से जोड़कर देखना शुरू किया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा, नीतीश कुमार सरकार अपने मंत्रियों को भी नहीं संभाल पा रही है। एक-एक करके मंत्रियों को हटाना उनकी सरकार की नाकामियों का प्रमाण है। वहीं, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मंत्रियों के विभागों में फेरबदल एक सामान्य प्रक्रिया है। इससे सरकार की कार्यप्रणाली में सुधार होगा।

CM Nitish | ये क्रांतिकारी निर्णय और आभार

शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिलने पर आलोक मेहता ने सीएम नीतीश और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का आभार जताया। कहा, बिहार में हुई शिक्षक बहाली एक क्रांतिकारी निर्णय है। उम्मीद है कि उनके मंत्री रहते हुए विभाग शिक्षा की बेहतरी के लिए काम होगा, और पढ़ाई कर रहे बच्चों की सुविधाओं में इजाफा होगा। पिछले दिनों लाखों शिक्षकों की बहाली हुई, जो एक क्रांतिकारी निर्णय था। बिहार ही नहीं बल्कि देश की जनता मान रही है कि बिहार में इतने बड़े पैमाने पर नौकरियां दी जा रही हैं। इसके लिए नीतीश कुमार, विभाग के अधिकारी बधाई के पात्र है।

CM Nitish | थोड़ा आप भी जोड़ घटाव कर लीजिए…

विपक्ष लगातार नीतीश कुमार को टारगेट कर रहा है। कारण जिन विभागों के मंत्रियों की अदला-बदली की गई है वे सभी आरजेडी कोटे के हैं। मगर, जदयू नेता अशोक चौधरी ने साफ कर दिया है। यह जदयू ने नहीं राजद ने बदला है मंत्रियों का विभाग। राजद कोटे के मंत्रियों के पास कौन सा विभाग रहेगा, इसका फैसला राजद का ही नेतृत्व करता है। इसमें हमलोगों का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।द्य

CM Nitish | कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी

वहीं पत्रकारों ने जब चंद्रशेखर से पूछा कि क्या नीतीश कुमार चंद्रशेखर से नाराज थे, इस पर अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश जी से लालू जी औऱ तेजस्वी जी मिलने गये और उसके बाद विभाग बदल गया, थोड़ा आप लोग भी जोड़-घटाव कर लीजिये कि ऐसा क्यों हुआ है। दरअसल, राबड़ी आवास पर कुछ मंत्रियों के साथ राजद नेतृत्व की बैठक शुक्रवार को हुई थी। इसी बैठक में मंत्रियों के विभाग बदलने की बात हुई थी।  राजनीतिक पंडित कहते हैं,चंद्रशेखर को लेकर नीतीश कम्फर्टेबल नहीं थे। होता है,कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -