- पूरे माह काम करने के बाद भी सफाई कर्मियों को होली में वेतन के लाले
- हाल मधुबनी नगर निगम क्षेत्र के 45 वार्डों में साफ सफाई का कार्य देख रहे एनजीओ प्रताप सेवा संकल्प का
- मामले पर मेयर अरुण राय ने पहल कर पार्षदों से दिलवाया सहयोग
- सफाई कर्मियों को दिया एनजीओ पर कार्रवाई का आश्वासन
मधुबनी नगर निगम में आज सुबह सुबह सफाई कर्मियों ने नगर निगम क्षेत्र के बाटा चौक ,थाना चौक, नीलम चौक ,शंकर चौक ,स्टेशन चौक सहित नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों में बीच सड़क पर कूड़ा कचड़ा इकट्ठा कर प्रताप सेवा संकल्प के विरुद्ध जमकर नारेबाजी व नगमा किया ।
सफाई कार्य में लगे ट्रेक्टर को भी जहां तहां विभिन्न चौक चौराहों पर खड़ा कर मजदूरों ने जमकर बबाल काटा ।
हंगामा ,नारेबाजी और बबाल कर रहे सफाई कर्मियों से जब देशज टाइम के संवादाता ने सवाल किया तो सफाई कर्मियों में शामिल महिला कर्मियों ने बताया कि उन्हें एक माह का वेतन भुगतान नही हुआ है।होली जैसे पर्व के अवसर पर वेतन का भुगतान नही होने से आक्रोशित मजदूरों ने बताया कि होली के अवसर पर वेतन नही मिला है। कई रोज वेतन भुगतान के लिए एनजीओ के अधिकारियों से गुहार लगायी। लेकिन कोई सुनने वाला नही है ।वेतन भुगतान नही होगा तो हम लोगों के घरों में हमारे बीबी बच्चे कैसे होली मनाएंगे।
इस बात की जानकारी देशज टाइम्स के संवादाता कुमार गौरव ने डीएम अरविंद कुमार वर्मा और सदर एसडीएम अश्विनी कुमार को दी। सभी अधिकारी चुनाव कार्य में लगे थे।इधर शहर में जगह जगह फैले गंदगी की जानकारी नगर निगम के मेयर अरुण राय को हुई।
अरुण राय ने तुरंत संज्ञान लेते हुए सभी सफाई कर्मियों को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली। इसके बाद सभी वार्ड पार्षदों से बात कर वार्ड पार्षदों से होली पर्व मनाने के लिए सहयोग दिलवाया ।मेयर अरुण राय ने मामले को लेकर सफाई के लिए कार्यरत एनजीओ से मोबाईल पर बात करना चाहा तो एनजीओ संचालक सहित उसके अधिकारियों के मोबाईल स्विच ऑफ मिले।मेयर अरुण राय के साथ विचार विमर्श के बाद नगर निगम के नगर आयुक्त अनिल कुमार ने एनजीओ को सो कॉज जारी किया है ।
मेयर अरुण राय के पहल पर सफाई कर्मियों के चहरे पर गोली पर्व मनाने की रौनक लौटी ।
एनजीओ पर सफाई कर्मियों में फूट डालने की है चर्चा ।
सूत्रों की माने तो एनजीओ प्रताप सेवा संकल्प सफाई कर्मियों को बाटने का कार्य करती है ।
तीन स्तरों पर डाला जाता है सफाई कर्मियों में फूट
1. एनजीओ के द्वारा नियुक्त कर्मियों को समय पर भुगतान कर दिया जाता है ।
2 . एनजीओ के सुपरवाइजर का भी भुगतान कर दिया जाता है ।
3. सफाई कर्मियों को समय पर भुगतान नही किया जाता है और यदि कोई सफाई कर्मी मजदूरी भुगतान केलिए मुंह खोलता है तो सुपरवाइजर उसे काम से छुट्टी कर देने की धमकी देता है।
कुछ स्थानीय बिचौलिए एनजीओ से मिलकर अपना उल्लू सीधा कर मलाई मारने में पीछे नहीं रहते ।दो बार साफ सफाई की जगह पर सिर्फ एक बार ही सुबह में होती है साफ सफाई।निधि चौक से शंकर चौक , स्टेशन हनुमान मंदिर तक ही समुचित तरीके से सड़कों पर शाम लगता है झाड़ू।
नगर निगम का कई क्षेत्र दिनभर गंदगी से पटा पड़ा रहता है।विशेष अवसर पर भी पूरे नगर निगम क्षेत्र में ठीक से साफ सफाई नही की जाती है और न ही चुना या ब्लीचिंग का छिड़काव किया जाता है।
सूत्रों की माने तो एनजीओ को सफाई मद में दो करोड़ रुपए का भुगतान होने के बाद भी सफाई कर्मियों को होली जैसे महत्वपूर्ण पर्व में मजदूरी नहीं मिलने का मामला गंभीर है ।