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24 नवम्बर, 2024
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Darbhanga News| बिरौल के किरतपुर में बाढ़ वाली गंध…निचला इलाका लबालब

बिरौल के किरतपुर से लेकर कुशेश्वरस्थान पूर्वी तक बाढ़ की आहट ने नींद की बेचैनी में खलल पैदा कर दी है। कुशेश्वरस्थान से लेकर किरतपुर तक अभी से तबाही की रेखा खिंची दिख रहीं। जहां, प्रखंड क्षेत्र में बहने वाली कोशी एंव कमला बलान नदियों के जलस्तर में लगातार इजाफा से कोसी नदी के किनारे बसे गांव के आसपास कटाव शुरू हो गया है। इससे लोगों में भय की बुनियाद पड़ गई हैं। वहीं, अभी तक जल संसाधन विभाग की तरफ से इस पर कोई ध्यान नही दिया गया है। हालांकि सीओ गोपाल पासवान कटाव स्थल का जायजा लिया। जिला आपदा में यह बात रखने की बात कही गई है। वहीं, किरतपुर की फसलें डूबने को तैयार बैठी है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

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Darbhanga News| बिरौल के किरतपुर में बाढ़ वाली गंध…निचला इलाका लबालब हो गया है। मामला, बिरौल के किरतपुर प्रखंड क्षेत्र का है जहां, बाढ़ की धमक से प्रखंड क्षेत्र के किरतपुर, झगरुआ,कुबौल ढंगा पंचायत के निचले इलाकों में पानी प्रवेश कर जाने से हजारों एकड़ में लगे मूंग, धान और मक्का की फसल बर्बाद होने लगी है।

जानकारी के अनुसार, किरतपुर पंचायत के वार्ड 9, झगरुआ पंचायत के वार्ड 10,11, और 12 के निचले इलाकों में पानी प्रवेश कर रहे हैं। इससे खेतों में लगे लहलहाते मुंग, मक्का और धान की फसल गलने लगी है। जहां किसान कड़ी मेहनत कर खेतों में फसल लगाए हुए थे। वहीं बाढ़ की आहट ने किसानों को नींद उड़ा दी है।

किसानों को डर सताने लगा है कि पानी की रफ्तार अगर इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो पूरे इलाके में पानी फ़ैल जाएगी। और जो भी बचे हुए फसल है वह भी डूब जाएगी। वहीं, किरतपुर पंचायत से झगरुआ पंचायत के मुख्य सड़क झगरुआ रनपरती के समीप के एक फीट पानी चढ़नें से सड़क पार करने लगेंगे। इससे लोगों को यातायात करने के लिए सिर्फ नाव का ही सहारा बच जाएंगे।

हर साल इसी जगह पर बाढ़ आने से सबसे पहले नाव चलते हैं। वहीं किसान कुशे चौपाल ने बताया कि दो बिघा में मुंग की फसल कर्ज लेकर किए हुए थे। जिसमें से कुछ खेतों में मुंग तोड़कर लाएं थे। और बाकी में लगे हुए थे कि बाढ़ की पानी खेत में प्रवेश कर गया है। जिससे फसल गलने लगी है।और धान की भी फसल डुबने लगी है। पानी बहुत आया है। लेकिन मनेजर की पेड़ बड़े -बड़े होने के कारण ज्यादा पानी का पता नहीं चल पा रहे हैं।

वहीं, किसान मो. मोतिउर्रहमान ने बताया कि बाढ़ की पानी ने निचले इलाका से अब उपरी इलाका में भी प्रवेश करने लगे हैं। जिससे नीचले इलाके के खेत में लगे मुंग,मक्का और धान की फसल डुबने लगी है।अधिकतर किसानों ने मुंग तोराई शुरू ही किए थे कि बाढ़ का पानी आ गई। वहीं झगरुआ पंचायत के पैक्स अध्यक्ष कैशर आलम ने बताया कि अचानक बाढ़ की पानी आने से हजारों एकड़ में लगे मुंग, धान और मक्का बर्बाद के कारगर पर है।

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