Bihar Police Fake Inspector: Bihar News: Darbhanga के Laheriyasarai थाना का फर्जी दरोगा धराया। पुलिस के नाम पर रौब, करता था ठगी, Nalanda में (Fake inspector arrested in Nalanda) गिरफ्तार।
नालंदा में फर्जी दरोगा धराया, दरभंगा के नाम पर दे रहा था सबको धोखा
नालंदा में फर्जी दरोगा धराया है। नालंदा पुलिस ने फर्जी दारोगा को गिरफ्तार किया है। यह फर्जी दारोगा लहेरी थाना में जाकर खुद को दरभंगा जिले के लहेरियासराय थाना में पदस्थापित बताकर रौब दिखा रहा था। उसकी पहचान शेखपुरा जिले के शेखोपुरसराय थाना क्षेत्र के महानंदपुर निवासी सतीश कुमार के बेटे नीतीश कुमार के रूप में हुई है। नीतीश कुमार ने खुद को 2018 बैच का दारोगा बताया और लहेरियासराय में अपनी तैनाती की बात कही।
वह दरभंगा के लहेरियासराय थाना में पदस्थापित दारोगा के रूप में
जानकारी के अनुसार, वह दरभंगा के लहेरियासराय थाना में पदस्थापित दारोगा के रूप में प्रस्तुत कर लोगों को ठगता था। वह नालंदा के लहेरी थाना में पहुंचकर खुद को एक उच्च पदाधिकारी बताने लगा और महिला दारोगा निशा भारती पर काम करने का दबाव भी डालने लगा।
पहचान की पुष्टि के लिए मोबाइल में पुलिस की वर्दी पहने
इस दौरान उसने अपनी पहचान की पुष्टि के लिए मोबाइल में पुलिस की वर्दी पहने हुए अपनी तस्वीर दिखाई, लेकिन लहेरी थाना के अधिकारियों को उस पर संदेह हुआ। उन्होंने लहेरियासराय थाना के थानाध्यक्ष से संपर्क किया, जिससे पता चला कि वहां नीतीश कुमार नाम का कोई दारोगा नहीं है।
जब अधिकारियों ने उससे पहचान पत्र की मांग की, तो
इसके बाद, जब अधिकारियों ने उससे पहचान पत्र की मांग की, तो वह और अधिक संदेह के घेरे में आ गया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके मोबाइल की जांच की, जिसमें कई फर्जी दस्तावेज और पुलिस वर्दी में उसकी तस्वीरें मिलीं। ये तस्वीरें उसने भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए इस्तेमाल की थीं।
वह एक युवती के साथ प्रेम संबंध में भी था
जांच के दौरान यह भी पता चला कि वह एक युवती के साथ प्रेम संबंध में भी था, जिसे उसने खुद को दारोगा बताकर धोखे में रखा था। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने नीतीश कुमार के खिलाफ और भी गहन जांच शुरू कर दी है, जिसमें उसकी पूरी पृष्ठभूमि और गतिविधियों की जांच की जा रही है।
लहेरी थाना के थानाध्यक्ष रंजीत कुमार रजक ने बताया
लहेरी थाना के थानाध्यक्ष रंजीत कुमार रजक ने बताया कि आरोपी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है। उसकी गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि वह एक फर्जी अधिकारी बनकर न केवल पुलिस कर्मियों को, बल्कि आम लोगों को भी धोखा दे रहा था।गिरफ्तारी के बाद से पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। उसके मोबाइल से मिले फर्जी दस्तावेजों और तस्वीरों की भी जांच कर रही है।