जिंदगी में मिलेंगे कहीं अंधेरे कहीं उजाले
ओ बिना हेलमेट वाले गाड़ी साइड में लगा ले
गर दोस्त करे गुनाह तो दुश्मन संभाल ले
अब देर न कर बेट्टा कागज़ निकाल ले
तमाम उनकी यादों का दर्द है और ज़िंदगी कम है
ये देख बच्चा तेरा इन्श्योरेंस भी खतम है
उफ़ नसीब मेरे महबूब से यूं न जुदा कर
अबे घोंचू डीएल तो लेकर के चला कर
हर कदम पर आजमाती है किस्मत जब इन्सां सफर पे हो
चालान फौरन काटते हैं गर हेलमेट न सर पे हो
हर सुख़नवर को जहां में सदमा शदीद है
एक भी तो नहीं तेरा कागज कम्प्लीट है
हमने उनसे की वफ़ा की उम्मीद जो न जाने वफ़ा करना
सौ रुपए करो ढीले गर चाहते हो सब रफा दफा करना
न जाने क्यों नहीं मिलता पता उसके मिजाज़ का
सौ नहीं हैं तो नोट एक होगा पचास का
रेत को मुश्किल है मुट्ठी में भर के उड़ा देना
साले भिखारी गाड़ी अब कचहरी से छुड़ा लेना