Darbhanga News: जब कृषि अभियंत्रण की सहायक निदेशक Chanchala Priya ने जाना जाले, राढ़ी, ब्रह्मपुर, रतनपुर, सिंहवाड़ा के कृषकों का हाल|(When Assistant Director of Agricultural Engineering Chanchala Priya learned the condition of farmers in Darbhanga)|
जलवायु अनुकूल खेती के तहत कृषि विज्ञान केंद्र
जाले में जलवायु अनुकूल खेती के तहत कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से जाले, राढ़ी, ब्रह्मपुर, रतनपुर व सिंहवाड़ा के सनहपुर (Jale, Radhi, Brahmapur, Ratanpur, Singhwara) में चल रहे जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजना के अंतर्गत कुमारी चंचला प्रिया सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण व भूमि संरक्षण, बिहार सरकार एवं डॉ. सुदीप सरकार रिसर्च एसोसिएट, आईसीएआर, पटना ने विभिन्न गांवों में जाकर विभिन्न फसलों जीरो टिलेज से धान की सीधी बुआई, अरहर का प्रत्यक्षण एवं सामुदायिक सिंचाई इत्यादि का परिक्षेत्र भ्रमण किया।
मारी चंचला से कृषकों ने मोटा अनाज के पैदावार में आने वाली परेशानियों को सुना।
इस परियोजना से लाभप्रद प्रगतिशील किसानों से मिलकर उनका हाल जाना तथा उनकी परेशानियों को सुना। कुमारी चंचला से कृषकों ने मोटा अनाज के पैदावार में आने वाली परेशानियों को सुना। रतनपुर के कृषक गोपी कृष्ण ठाकुर, राज सिंघानिया, कन्हैया झा, सुमन झा आदि ने बताया कि हमलोगों की अधिकांश जमीन जलजमाव वाली है। जल निकासी का कोई उपाय नहीं है। इस तरह के खेत होने के कारण धान की बुआई करना मजबूरी है।
गरमा के मौसम में मूंग के साथ-साथ मरुआ
कृषकों ने बताया कि उन्हें गरमा के मौसम में मूंग के साथ-साथ मरुआ आदि मोटा अनाज का बीज मिलने बुआई करेंगे। राज सिंघानिया ने बताया कि वह इस वर्ष 14 कट्ठा में बाजरा और 10 कट्ठा में मरुआ किया था।
मरुआ का सारा फसल जंगली सूअर प्लास्टिक के जाल का घेरावा तोड़कर खा गया तथा बाजारा को एक छोटी चिडिय़ा का झुंड उसके फल पर बैठकर एक-एककर उसका दाना चुंग लिया, उसे 25 प्रतिशत ही बाजारा का अनाज प्राप्त हुआ। कुमारी चंचला ने सभी कृषकों की परेशानियों को सुनकर और उसे लिखकर आगे और अधिक सहयोग करने का आश्वासन दिया।
कृषि विज्ञान केंद्र पर जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजना के
इसके अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्र पर जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम परियोजना के अन्तर्गत लगे विभिन्न प्रकार के प्रत्यक्षण जैसे, धान की सीधी बुआई, धान की प्रकृतिक खेती, धान की प्लांटर से रोपाई, पुरानी विधि से रोपाई, धान की प्राकृतिक खेती के विभिन्न प्रत्यक्षण का भी भ्रमण किया। इस दौरान उन लोगों के साथ कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष एवं वरीय वैज्ञानिक डॉ. दिव्यांशु शेखर के साथ इंजीनियर निधि कुमारी, प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ चंदन कुमार एवं वरीय शोधकर्ता तेज प्रताप सिंह भी शामिल थे।