Bihar Land Survey: Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे रहेगा चालू, रोक लगाने की याचिका हाईकोर्ट से वापस| जहां, बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Petition to ban land survey in Bihar returned) जमीन सर्वे के अपने फैसले पर अडिग है। नित्य बिहारवासियों को हर संभव सुविधा दी जा रही है। जहां, बाढ़ग्रस्त इलाके के रैयतों की बड़ी समस्या का समाधान कर दिया गया है। बाढ़ में बह गए जमीन के दस्तावेज को लेकर परेशान रैयतों को राहत दी गई है।
विभाग ने आश्वासन दिया है कि जमीन के कागजात को लेकर किसी को घबराने की जरुरत नहीं है। सरकार उन सभी रैयतों को कागजात मुहैया कराएगी, जिनके दस्तावेज बाढ़ में बह गए हैं या पानी में डूबने से खराब हो गए हैं। एक साल के अंदर जमीन मालिकों को विभाग कागजात उपलब्ध कराएगा। जमीन के कागजात को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की है। इसे लेकर सभी अंचलाधिकारी को आदेश भी जारी किया गया है।
वहीं,ताजा मामला बिहार में सरकार की ओर से जमीन सर्वे को लेकर यह है कि इस सर्वे के खिलाफ मामला कोर्ट में भी चल रहा है। मगर, शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई में बड़ा फैसला सामने आया है। इस मामले दायर याचिका को वापस ले लिया गया है। इस मामले में अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान पटना हाई कोर्ट में शुक्रवार को कहा गया कि याचिका में पर्याप्त ब्यौरा नहीं है। इसके बाद राजीव रंजन सिंह ने याचिका वापस ले ली।
जमीन सर्वेक्षण को लेकर शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब जनहित याचिका को याचिकाकर्ता अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने वापस ले लिया। इस याचिका में जमीन सर्वेक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसे पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया।
चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया। याचिकाकर्ता का तर्क था कि वर्तमान सर्वे में कई खामियां हैं और इससे भविष्य में समस्याएं बढ़ सकती हैं, परंतु कोर्ट ने कहा कि याचिका में पर्याप्त और सटीक विवरण का अभाव है। अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने 18 सितंबर, 2024 को पटना हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका दायर की थी।
पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। यह मामला 18 सितंबर को अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने दायर किया था। याचिका के अनुसार सर्वे की प्रक्रिया में कई खामियां हैं। इसमें कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस प्रकार के जमीन सर्वे से आगे परेशानियां और बढ़ेंगी, विवाद बढ़ेंगे। लेकिन कोर्ट ने कहा कि याचिका में पर्याप्त ब्यौरा नहीं है। इसके बाद राजीव रंजन सिंह ने याचिका वापस ले ली। कोर्ट ने याचिका खारिज भी कर दी।