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24 नवम्बर, 2024
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Nepal से Import – Export में अब नहीं होगी परेशानी, परेशानियों पर हुई चर्चा

एफएसएसएआई मानकों के तहत सैंपलिंग अनिवार्य है, जिसका परिणाम कोलकाता से आने में 15 से 20 दिन लगते हैं, जबकि अन्य बिहार के पोर्ट से यह प्रक्रिया केवल 2 से 3 दिन में पूरी होती है। इस स्थिति को सुधारने के लिए...

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Nepal से होने वाले आयात और निर्यात में समस्याओं के समाधान हेतु रक्सौल कस्टम कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कस्टम के अधिकारी, एफएसएसएआई कोलकाता के प्रतिनिधि, कस्टम कर्मी और सीएचए के सदस्य शामिल हुए।

Import-Export from Nepal: बैठक की अध्यक्षता

बैठक की अध्यक्षता सीमा शुल्क पटना की संयुक्त आयुक्त पिंकी कुमारी ने की। इस अवसर पर आयातकों और निर्यातकों ने नेपाल से खाद्य सामग्री, तेल, और अन्य पेय पदार्थों के आयात में आने वाली कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा की।

एफएसएसएआई मानक की अनिवार्यता

पिंकी कुमारी ने बताया कि नेपाल से भारत में खाद्य, तेल और पेय पदार्थों के आयात के लिए एफएसएसएआई के मानकों के अनुसार प्रयोगशाला में सैंपल कराना अनिवार्य है। रक्सौल ड्राई पोर्ट से किए गए आयात के सैंपल को कोलकाता भेजा जाता है, जिसके परिणाम आने में 15 से 20 दिन लगते हैं।

इसके विपरीत, बिहार के अन्य पोर्ट जैसे जोगबनी, सोनवर्षा, और भीठामोर में सैंपल की जांच रक्सौल स्थित एफएसएसएआई प्रयोगशाला में की जाती है, जहां रिपोर्ट मात्र 2 से 3 दिन में मिल जाती है। इस वजह से रक्सौल पोर्ट से आयातकों और निर्यातकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कठिनाइयों के समाधान के लिए कदम

बैठक के दौरान, संयुक्त आयुक्त पिंकी कुमारी ने एफएसएसएआई के अधिकारियों से इन कठिनाइयों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। एफएसएसएआई कोलकाता के प्रतिनिधि ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। इस बैठक में सहायक आयुक्त रामानंद सिंह, अधीक्षक अजय कुमार गुप्ता, सुशील कुमार सिन्हा, असीम कुमार मंडल सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

निष्कर्ष

इस प्रकार की बैठकें आयात-निर्यात प्रक्रिया को सुगम बनाने और व्यापारियों को राहत प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। रक्सौल कस्टम कार्यालय की यह पहल नेपाल से होने वाले आयात-निर्यात की चुनौतियों को दूर करने में सहायक सिद्ध होगी।

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