back to top
22 नवम्बर, 2024
spot_img

Indian Railways Blankets : महीने में एक बार धुलते हैं ट्रेन में मिलने वाले कंबल? RTI ने दिया चौंकाने वाला जवाब नहीं जाना तो पछताएंगे

spot_img
spot_img
spot_img

डिब्बों में सफाई और हाइजीन को लेकर भारतीय रेलवे एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। आरटीआई (RTI) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में रेलवे (Indian Railways) ने बताया कि यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल महीने में एक बार धोए जाते हैं। यह खुलासा यात्रियों की सेहत के लिए चिंताजनक है।

Indian Railways Blankets : हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कंबल बन सकते हैं बीमारियों का अड्डा

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबे समय तक ना धुले जाने पर कंबल बैक्टीरिया का घर बन जाते हैं। विभिन्न यात्रियों के उपयोग के बाद ये कंबल बीमारियों का अड्डा बन सकते हैं। गंदे कंबल से धूल, मिट्टी और बैक्टीरिया का जमाव होता है, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे एक्जिमा, रेशेज और खुजली हो सकती है। अस्थमा के मरीजों के लिए भी यह खतरा बढ़ा सकते हैं।

सफाई के सुझाव

कंबल और रजाई को धोने के तरीके:

  • धूप दिखाना: पहले कंबलों और रजाइयों को धूप में रखना चाहिए। महीनों तक बंद रहने से इनमें बैक्टीरिया और जर्म्स पनप सकते हैं।
  • धुलाई: इसके बाद कंबलों को धोकर या ड्राई क्लीन कराने के लिए दें।
  • साप्ताहिक धूप: जब तक आप इनका उपयोग करें, तब तक हफ्ते में दो बार धूप दिखाना जरूरी है।
  • डिटर्जेंट और कीटाणुनाशक: डिटर्जेंट से धोने के बाद नींबू, डेटॉल या गुनगुने पानी में विनेगर डालकर कुछ देर भिगोएं। इससे बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे।

Indian Railways के पास 46 विभागीय लॉन्ड्री और 25 बूट लॉन्ड्री

आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे के पास देशभर में 46 विभागीय लॉन्ड्री और 25 बूट लॉन्ड्री हैं। विभागीय लॉन्ड्री का मतलब है कि लॉन्ड्री की भूमि और वाशिंग मशीन रेलवे के स्वामित्व में होती हैं, लेकिन काम करने वाले कर्मचारियों को अनुबंध पर नियुक्त किया जा सकता है। दूसरी ओर, बूट लॉन्ड्री (बिल्ड-ओन-ऑपरेट-ट्रांसफर) रेलवे की भूमि पर स्थापित होती हैं, लेकिन वॉशिंग उपकरण और कर्मचारियों का प्रबंधन निजी पार्टी या ठेकेदार द्वारा किया जाता है।

निष्कर्ष

रेलवे के कंबल की सफाई पर यह जानकारी यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। गंदे कंबल का उपयोग करने से बचें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।

Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी Social Reports पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -