मुख्य बातें (प्वाइंटर) : “शिक्षकों का इंतजार बढ़ा!”:
- शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर रोक: पटना हाईकोर्ट ने बिहार में सरकारी शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर रोक लगाई।
- चॉइस पोस्टिंग पॉलिसी विवाद: औरंगाबाद के शिक्षकों द्वारा दायर याचिका के चलते ट्रांसफर पॉलिसी पर सवाल उठे।
- फिलहाल स्टे का आदेश: कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगा दी है।
- न्यायाधीश प्रभात कुमार सिंह की सुनवाई: जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने याचिका पर विचार करते हुए यह फैसला लिया।
- सरकार की प्रक्रिया पर ग्रहण: चॉइस पोस्टिंग के तहत शिक्षकों से आवेदन प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया।
हुक्स (ध्यान आकर्षित करने वाले बिंदु)
- “शिक्षकों का इंतजार बढ़ा!”: सरकार की चॉइस पोस्टिंग योजना पर कोर्ट का फैसला।
- “औरंगाबाद के शिक्षकों की याचिका बनी वजह”: क्या यह ट्रांसफर प्रक्रिया में बड़ा बदलाव लाएगी?
- “क्या यह शिक्षकों के लिए अच्छा संकेत है?”: कोर्ट के स्टे से उठा संशय।
- “शिक्षा विभाग पर कोर्ट का ब्रेक”: जानिए, आखिर क्यों रुकी शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया।
-
सबटाइटल:
- पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक
- सरकारी शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग प्रक्रिया पर कोर्ट का स्टे।
- चॉइस पोस्टिंग पॉलिसी विवाद में घिरी
- औरंगाबाद के शिक्षकों की याचिका से उठा मामला।
- अस्थायी रोक का आदेश
- न्यायाधीश प्रभात कुमार सिंह ने सुनवाई के दौरान स्टे जारी किया।
- सरकार की योजना पर प्रश्नचिह्न
- चॉइस पोस्टिंग के तहत आवेदन प्रक्रिया ठप।
- पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक
बिहार के सरकारी शिक्षकों के लिए अच्छी खबर नहीं है। शिक्षकों का ट्रांसफर पोस्टिंग एक बार फिर अटक गया। जहां, सरकारी शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर ग्रहण लग गया है। एकबारगी पटना हाई कोर्ट की इसपर फिर ब्रेक लग गई है। नतीजा, बिहार में सरकारी शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग एक बार फिर अटक गई है।
जानकारी के अनुसार, पटना हाईकोर्ट ने ट्रांसफर पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से पॉलिसी को लेकर याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिलहाल स्टे लगाया है। पटना हाई कोर्ट ने ट्रांसफर पोस्टिंग पर रोक लगा दी है।
दरअसल, बिहार सरकार शिक्षकों से चॉइस पोस्टिंग की पॉलिसी के तहत आवेदन लिए जा रहे थे। पटना हाईकोर्ट ने ट्रांसफर पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। औरंगाबाद के शिक्षकों की ओर से पॉलिसी को लेकर याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिलहाल स्टे लगाया है। जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने इस सम्बन्ध में दायर याचिकायों पर सुनवाई की।