प्रभास रंजन, दरभंगा | भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी चिंता व्यक्त की है, जो बीमा धारकों और कर्मचारियों के लिए समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इस संदर्भ में, ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाई यूनियन (पूर्व मध्य) के अध्यक्ष प्रदीप मुखर्जी ने दरभंगा के मिर्जापुर स्थित एक होटल में आयोजित सम्मेलन में 150 से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम को भारत सरकार के हस्तक्षेप के कारण आगामी समय में भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
मुख्य बिंदु:
- 18% GST का विरोध:
प्रदीप मुखर्जी ने कहा कि बीमा पॉलिसी के प्रीमियम और हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 प्रतिशत जीएसटी ली जा रही है, जिसे तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने इस पर जोर दिया कि बीमा पॉलिसी धारक जीवन की प्राथमिकताओं के आधार पर बीमा लेते हैं, और ऐसे में अत्यधिक टैक्स का होना उन्हें और भी कठिन बना सकता है। - कर्मचारियों की बहाली की आवश्यकता:
मुजफ्फरपुर डिवीजन स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार ने कहा कि 2020 से भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा कर्मचारियों की बहाली नहीं की जा रही है, जबकि पुराने कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से बहाली की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की अपील की। - पॉलिसी की न्यूनतम राशि पर आपत्ति:
राघवेंद्र कुमार ने यह भी बताया कि वर्तमान में सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी के लिए न्यूनतम बीमा धन दो लाख रुपये निर्धारित किया है, जबकि देश में अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोग ज्यादा प्रीमियम का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं। - बीमा निगम का विशाल निवेश:
उन्होंने बताया कि भारतीय जीवन बीमा निगम ने भारत के विकास में 40 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है और कुल संपत्ति 55 लाख करोड़ रुपये है। साथ ही, उन्होंने आईआरडीए (IRDA) द्वारा निजी बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाले नियमों का भी विरोध किया। - संकट का समाधान और भविष्य की दिशा:
सम्मेलन में इस बात पर भी चर्चा हुई कि सरकार ने 2047 तक हर भारतीय को बीमा पॉलिसी देने का लक्ष्य रखा है, लेकिन इसके साथ ही न्यूनतम पॉलिसी राशि बढ़ाकर लोगों के लिए बीमा की पहुंच को सीमित कर दिया है।
सम्मेलन में उपस्थित लोग:
इस सम्मेलन में महामंत्री संतोष कुमार, सहायक सचिव अनिल कुमार, दरभंगा शाखा के अमीय कुमार आदित्य, संजय कुमार, निशांत कुमार, मनोहर पूर्वे सहित कई अन्य महत्वपूर्ण लोग उपस्थित थे।
सम्मेलन का उद्देश्य बीमा कर्मचारियों के मुद्दों को सामने लाना और सरकार से उचित कार्रवाई की मांग करना था। सम्मेलन शनिवार और रविवार तक जारी रहेगा।