आंचल कुमारी, कमतौल| 13वें राजकीय अहल्या गौतम महोत्सव का उद्घाटन आज पिछड़ा अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हरि सहनी ने किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में सनातन धर्म की रक्षा और गाय की महत्वता को लेकर विचार व्यक्त किए। मंत्री ने कहा कि हमें अपने धर्म की रक्षा मरते दम तक करनी चाहिए और इसके लिए हमें कट्टरता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है और इसके लिए अनेकों मंदिरों का निर्माण कराया गया है। उन्होंने अहल्या स्थान स्थित मंदिर के जीर्णोद्धार की आवश्यकता पर भी जोर दिया और इसे सरकार का परम कर्तव्य बताया।
मंत्री हरि सहनी ने आगे कहा कि धर्म और गाय की रक्षा सनातनियों का परम कर्तव्य है, और जब तक गाय की रक्षा नहीं होगी, तब तक हम सुरक्षित नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि हमारे देश और धर्म ने सदा शांति का संदेश दिया है और हमें इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। सनातनी होने पर गर्व महसूस करते हुए उन्होंने कहा कि जो देश और धर्म की रक्षा करता है, उसकी भी रक्षा करना हमारा धर्म है।
विधायक संजय सरावगी और जीवेश कुमार का संबोधन:
मंच पर मौजूद नगर विधायक संजय सरावगी ने मिथिला के गांवों में छुपे ऐतिहासिक तथ्यों को सहेजने की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं, विधायक जीवेश कुमार ने अहल्या स्थान स्थित श्रीराम मंदिर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यकरण के लिए 25 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार होने की जानकारी दी और इस पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम:
महोत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी माहौल को भक्तिमय और आनंदमयी बना दिया।
- बजरंग म्यूजिकल ग्रुप के रघुवीर और रघुनंदन ने भजनों और गजलों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
- अमित कुमार झा ने अपनी सुरेली आवाज से गीतों की प्रस्तुति दी, जिसमें “ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं” जैसे लोकप्रिय गीत शामिल थे।
- नटराज डांस के मोहित खंडेलवाल ने ‘नाग देवता तुम्हें प्रणाम’ पर लोकनृत्य की प्रस्तुति दी और दर्शकों से तालियां बटोरी।
- शारदा सिन्हा की याद में टीम ने “कोयल बिन बगिया ना सोहे राजा” पर नृत्य प्रस्तुत किया।
- मालिनी अवस्थी के गीतों और विपिन मिश्रा के शंख वादन ने कार्यक्रम को और भी भक्तिमय बना दिया।
समारोह में उपस्थित प्रमुख व्यक्ति:
इस अवसर पर एसडीओ सदर विकास कुमार, एडीएम राकेश रंजन, भा.ज.पा महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री मीना झा, एसडीपीओ सदर टू ज्योति कुमारी, न्यास के अध्यक्ष बालेश्वर ठाकुर, और अन्य कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे। मंचासीन अतिथियों को पाग और चादर से सम्मानित किया गया।
यह महोत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कारण महत्वपूर्ण था, बल्कि इसने सनातन धर्म की रक्षा और संस्कृति के प्रति श्रद्धा को भी प्रकट किया।