बिहार विधान परिषद:(Bihar Legislative Council। DeshajTimes.Com) शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार, 32,506.90 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश, विवादित बयान पर सत्तापक्ष-विपक्ष आमने-सामने
मुख्य बिंदु:
- द्वितीय अनुपूरक बजट का प्रस्ताव:
- बिहार विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन 2024-25 के लिए ₹32,506.90 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन में पेश किया गया।
- सत्र 29 नवंबर तक चलेगा।
- कारी सोहैब का निलंबन:
- राजद एमएलसी कारी सोहैब को पूर्व में सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दुर्व्यवहार के कारण दो दिन के लिए निष्कासित किया गया।
- उन्होंने पहले अपने कृत्य के लिए माफी मांगी थी।
- ललन सिंह का बयान और विवाद:
- केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने एक सभा में कथित तौर पर कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय जदयू को वोट नहीं देता, जिस पर सदन के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस हुई।
- ललन सिंह ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका इरादा अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना नहीं था, बल्कि उनके काम के अनुसार समर्थन न मिलने का दर्द था।
सत्तापक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रिया:
- सत्तापक्ष का बचाव:
- भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि ललन सिंह के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। जदयू ने अल्पसंख्यकों के लिए कई काम किए हैं और पार्टी को और मेहनत की जरूरत है।
- विपक्ष का हमला:
- राजद नेता अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने ललन सिंह पर भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया।
- एआइएमआइएम विधायक अख्तरूल ईमान ने इसे संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि जदयू की भाषा अब आरएसएस जैसी हो गई है।
- भाजपा का बयान:
भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि मुसलमान विकास के नाम पर वोट नहीं देते हैं और 21वीं सदी में भी वक्फ बोर्ड की बात करते हैं।
बिहार विधान परिषद शीतकालीन सत्र के प्रमुख बिंदु:
- अनुपूरक बजट: 32,506.90 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया।
- कारी सोहैब का निलंबन: राजद एमएलसी कारी सोहैब को दो दिन के लिए निलंबित किया गया।
- ललन सिंह का बयान: केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के बयान पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तकरार हुई।
- अल्पसंख्यक समाज पर टिप्पणी: ललन सिंह ने अल्पसंख्यक समाज के वोटों को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की।
मुख्य प्वाइंटर:
- बिहार विधान परिषद में बजट सत्र के दौरान हुआ विवाद कारी सोहैब के निलंबन का कारण बना।
- ललन सिंह के बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी।
- सत्तापक्ष ने ललन सिंह का बचाव किया जबकि विपक्ष ने उनकी आलोचना की।
- अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों को लेकर राजनीतिक बहस तेज हुई।
हाइलाइट्स:
- अनुपूरक बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया गया है।
- कारी सोहैब का निलंबन विधानसभा में विपक्षी दलों के लिए एक झटका है।
- ललन सिंह के बयान ने सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच की खाई को और गहरा कर दिया है।
- अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों को लेकर राजनीतिक दलों में प्रतिस्पर्धा तेज होने की उम्मीद है।
जहां, बिहार विधान परिषद शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज परिषद में अनुपूरक बजट का प्रस्ताव रखा गया है। द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी 2024-25 में प्रस्तावित 32,506.90 करोड़ का प्रस्ताव है। यह सत्र 29 नवंबर तक चलेगा। आज राजद एमएलसी को कारी सोहैब को दो दिन के लिए निष्कासित किया गया।
पृष्ठभूमि:
- इससे पहले, राजद के एक अन्य नेता सुनील कुमार सिंह को विधान परिषद से अभद्र व्यवहार के कारण निष्कासित कर दिया गया था।
कारी सोहैब पर निलंबन और ललन सिंह के बयान से जुड़ी घटनाओं ने सत्र के पहले दिन को खासा हंगामेदार बना दिया।
क्या था मामला: मुख्यमंत्री की नकल करने का आरोप में राजद नेता सुनील कुमार सिंह की बिहार विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गई। इस साल की शुरुआत में सदन में अभद्र व्यवहार करने की घटना को लेकर विधान परिषद में प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके बाद सदन ने सुनील कुमार सिंह के निष्कासन के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया था।
सुनील कुमार सिंह के साथ ही राजद विधान परिषद के एक अन्य सदस्य (एमएलसी) मोहम्मद कारी सोहैब को भी दो दिनों के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया गया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सोहैब ने जांच के दौरान अपने किए पर खेद जताया था जबकि सिंह ने अपनी बात नहीं मानी।
विश्लेषण:
- ललन सिंह के बयान से उत्पन्न विवाद ने न केवल सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव को बढ़ाया है, बल्कि जदयू और भाजपा के संबंधों को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।
- शीतकालीन सत्र के आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और तीखी बहस होने की संभावना है।
सत्र का पहला दिन विवादों और आरोप-प्रत्यारोप के साथ संपन्न हुआ, लेकिन बजट पर चर्चा की उम्मीद शेष है।
वहीं, बिहार विधानमंडल सत्र के एक दिन पूर्व मुजफ्फरपुर में एक सभा में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा था कि अल्पसंख्यक समाज जदयू को वोट नहीं देता। उनका बयान आने के बाद बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। सत्ता पक्ष ने जहां ललन सिंह के बयान पर सफाई दी देते हुए ललन सिंह का बचाव किया, वहीं विपक्ष ने इसकी निंदा की। ललन सिंह ने भी अपने बयान पर सफाई भी दे दी है।
ललन सिंह के बयान का अशोक चौधरी ने किया बचाव
प्रदेश सरकार में भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि ललन सिंह के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, ताकि लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रहे। ललन सिंह के कहने का अर्थ यह है कि हमने मुसलमानों के लिए जितना काम किया, उस हिसाब से जदयू को वोट नहीं मिल रहा है, इसका हमें दर्द है। जदयू को और मेहनत करने की जरूरत है। मेरा नेता न हिंदू है, न मुसलमान है, न सिख है, न ईसाई है वे इंसान हैं। हमें किसी वकील की जरूरत नहीं है।
भाजपा के विधायक बचौल ने कहा, मुसलमानों को विकास से मतलब नहीं
भाजपा के विसफी से विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने आज बातचीत में कहा कि मुसलमानों को विकास से कोई मतलब नहीं है। वे विकास के नाम पर वोट नहीं करते हैं। वे 21वीं सदी में भी वक्फ बोर्ड की बात कर रहे हैं।
राजद ने किया विरोध
राजद नेता अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने कहा कि ललन सिंह जदयू से अधिक भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। उनकी भाषा बता रही है कि वे भाजपा के हो गए हैं। लोकसभा में भी उन्होंने वक्फ बिल का समर्थन किया था। ललन सिंह का समाज जदयू के साथ नहीं है। जदयू की अब कोई नीति नहीं रह गई है।
एआइएमआइएम ने कहा, विशेष धर्म को निशाना बनाना संविधान के खिलाफ
एआइएमआइएम के एक मात्र बिहार से विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि किसी धर्म विशेष को निशाना बनाना संविधान के खिलाफ है। ललन सिंह का चरित्र उजागर हो गया है। मुसलमानों की अनदेखी की जा रही है। जदयू अब भाजपा की बात कह रही है। सरकार में बैठे लोग अलगाव की भाषा बोल रहे हैं। ललन सिंह की भाषा आरएसएस की भाषा है।