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30 नवम्बर, 2024
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दरभंगा अब दिखेगा टेक्नोलॉजी वाले नए अवतार में, खुलेंगे Technology Extension Centers

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बिहार में पांच जिलों में नए टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर की होगी स्थापना। इसके तहत (Establishment of New Technology Extension Centers in Five Districts of Bihar) पांच जिलों में टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर खोलने का रास्ता साफ हो गया है। (Launch of Technology Extension Centers in Five Districts) इसके तहत, बिहार के दरभंगा (Darbhanga) समेत पांच जिलों में नवीन प्रौद्योगिकी केंद्र (new technology centers) और विस्तार केंद्र (extension centers) खोले जाएंगे।

राजगीर (Rajgir), रोहतास (Rohtas), पूर्णिया (Purnia) और सारण (Saran) भी है इस प्रोजेक्ट में शामिल

यह केंद्र केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (Ministry of MSME) के तहत स्थापित किए जाएंगे, और इसके लिए मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा, राजगीर (Rajgir), रोहतास (Rohtas), पूर्णिया (Purnia) और सारण (Saran) जिले भी इस योजना में शामिल हैं।

नए टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर खोलने की मिल गई मंजूरी

नवीन प्रौद्योगिकी केंद्रों और विस्तार केंद्रों की स्थापना योजना के तहत बिहार के दरभंगा समेत पांच जिलों में टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर खुलेंगे। दरभंगा के अलावे इसमें राजगीर, रोहतास, पूर्णिया और सारण शामिल है। यहां केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के माध्यम से नए टेक्नोलॉजी एक्सटेंशन सेंटर खोले जाएंगे। इसके लिए मंजूरी मिल गई है।

मंजूरी और योजना का उद्देश्य
(Approval and Objective of the Plan)
जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के मंत्री, ने इस परियोजना की मंजूरी की जानकारी दी। एमएसएमई मंत्रालय (MSME Ministry) के टीसीईसी प्रभाग (TCEC division) नई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप सिंह (Deputy Director Kuldeep Singh) की ओर से हस्ताक्षरित पत्र के माध्यम से इस योजना को स्वीकृति मिली है।

विस्तार केंद्रों के कार्य और लाभार्थी
(Functions and Beneficiaries of Extension Centers)
यह विस्तार केंद्र (extension centers) प्रौद्योगिकी केंद्रों (technology centers) से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे और एमएसएमई (MSME) क्षेत्र के लिए तकनीकी सहायता (technical assistance) प्रदान करेंगे। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य उद्यमिता विकास (entrepreneurship development) करना है, जिसमें नवप्रवर्तक (innovators), कौशल विकास (skill development) के लिए छात्र, और भावी उद्यमी (future entrepreneurs) शामिल होंगे।

कौशल विकास और तकनीकी सहायता
(Skill Development and Technical Support)
यह केंद्र सीएडी-सीएएम, सिमुलेटर, और ऑनलाइन वर्चुअल कक्षा (online virtual classrooms) जैसी उच्च स्तरीय तकनीकों का उपयोग करेंगे ताकि कौशल विकास (skill development) अधिक लागत प्रभावी (cost-effective) हो सके। इसके माध्यम से, भविष्य की प्रौद्योगिकियों (future technologies) और स्थानीय आवश्यकताओं (local needs) के आधार पर प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।

परामर्श सेवाएं और डिज़ाइन सहायता
(Consulting Services and Design Assistance)
इसके अलावा, उत्पाद और प्रक्रिया डिज़ाइन (product and process design) पर सलाहकार सेवाएं (consulting services) भी उपलब्ध होंगी, जिससे नवीनतम प्रौद्योगिकी (latest technology) और प्रोसेस सुधार (process improvement) की मदद से उद्यमियों को विकास में सहयोग मिलेगा।

नवीन प्रौद्योगिकी केंद्रों के लाभ
(Benefits of New Technology Centers)
इन केंद्रों की ओर से स्व-स्थायी (self-sustaining) सेवाएं प्रदान की जाएंगी, और इनसे जुड़कर उपयोगकर्ता (users) प्रौद्योगिकी तक अपनी पहुंच (access) बढ़ा सकेंगे। यह पहल बिहार के एमएसएमई (MSME) क्षेत्र के लिए विकास के नए अवसर (new opportunities for growth) खोलने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप सिंह के हस्ताक्षर से पत्र निर्गत
इस संबंध में एमएसएमई मंत्रालय के टीसीईसी प्रभाग नई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप सिंह के हस्ताक्षर से पत्र निर्गत किया गया है। नवीन प्रौद्योगिकी केंद्रों और विस्तार केंद्रों की स्थापना योजना के तहत बिहार के पांच जिले में नए स्थानों को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि विस्तार केंद्रों की स्थापना और मार्गदर्शन संबंधित मातृ प्रौद्योगिकी केंद्र के परामर्श से स्थापित होंगी।

नियोजित व्यक्ति, कौशल विकास के लिए छात्र, भावी उद्यमी और नवप्रवर्तक होंगे

विस्तार केंद्रों की स्थापना और मार्गदर्शन संबंधित मातृ प्रौद्योगिकी केंद्र के परामर्श से स्थापित होंगी। लक्षित लाभार्थी देश भर में फैले एमएसएमई शामिल होंगे जिन्हें तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही नियोजित व्यक्ति, कौशल विकास के लिए छात्र, भावी उद्यमी और नवप्रवर्तक होंगे। उद्यमिता का विकास होगा।

स्व-स्थायी आधार पर प्रमुख सेवाएं प्रदान की जाएंगी

विस्तार केंद्रों की ओर से स्व-स्थायी आधार पर प्रमुख सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उपयोग और भुगतान के आधार पर प्रौद्योगिकी केंद्रों से जुड़कर प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ेगी। सीएडी-सीएएम, सिमुलेटर, ऑनलाइन और वर्चुअल कक्षा अवधारणाओं का उपयोग करके उच्च स्तरीय कौशल विकास किया जाएगा।

डिजाइन पर सलाहकार सेवाएं उपलब्ध होगी

मकसद यह है, इसे अधिक लागत प्रभावी बनाया जा सके। भविष्य की प्रौद्योगिकियों और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा सके। टीसी से जुड़कर उत्पाद और प्रक्रिया डिजाइन पर सलाहकार सेवाएं उपलब्ध होगी।

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