दरभंगा कोर्ट से नाबालिग के अपहरणकर्ता को 5 साल की सजा सुनाई गई है। यह फैसला अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम कोर्ट से आया है। जहां, विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार ने बहेड़ा थाना क्षेत्र के (Kidnapper of minor in Darbhanga, accused got 5 years imprisonment) मौजमपुर निवासी कमलेश महतो को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 (अ) के तहत 5 साल की सश्रम कारावास और 5 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न भरने की स्थिति में 3 महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।
मामले की पृष्ठभूमि
घटना की तिथि और विवरण
- तारीख: 19 अगस्त 2012 की रात।
- आरोप: कमलेश महतो ने बहेड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर अपहरण किया।
- एफआईआर: अपहृता के दादा की शिकायत पर एससी-एसटी थाना में प्राथमिकी संख्या 20/12 दर्ज हुई।
पुलिस कार्रवाई और आरोप-पत्र
- पुलिस ने अपहृता को बरामद कर लिया।
- अनुसंधान के बाद कमलेश महतो के खिलाफ भादवि की धारा 366 (अ) और एससी-एसटी एक्ट के तहत आरोप पत्र दायर किया गया।
- आरोप गठन: 5 जनवरी 2015 को हुआ।
अदालती कार्यवाही और फैसला
अभियोजन पक्ष का पक्ष
- अभियोजन पक्ष की ओर से 7 गवाहों के बयान अदालत में पेश किए गए।
- विशेष लोक अभियोजक संजीव कुमार कुंवर ने मामले को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
न्यायालय का निर्णय
- आरोपी को 5 साल की सश्रम कारावास और 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी गई।
- सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
- अर्थदंड नहीं चुकाने पर अतिरिक्त 3 महीने का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
विशेष न्यायाधीश का आदेश
- सजायाफ्ता आरोपी कमलेश महतो को सजा सुनाने के बाद मंडल कारा भेज दिया गया।
- यह सजा नाबालिग के अधिकारों की सुरक्षा और समाज में कानून के शासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेष लोक अभियोजक ने इसे न्यायपालिका की प्रभावी कार्यवाही का उदाहरण बताया।
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