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5 फ़रवरी, 2024
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Patna Lathicharge: पटना में BPSC कार्यालय के बाहर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, लाठीचार्ज

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पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा के अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को पटना में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध मुख्य रूप से परीक्षा के सामान्यीकरण (Normalization) के संबंध में था। छात्रों का कहना था कि 70वीं सिविल सर्विसेज परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा पूर्व की तरह बिना किसी सामान्यीकरण के आयोजित की जाए।

पटना में बीपीएससी परीक्षा के सामान्यीकरण पर हंगामा

अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा को लेकर शुक्रवार को पटना में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने सामान्यीकरण (Normalization) प्रक्रिया को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उनकी मांग थी कि परीक्षा पूर्व की भांति बिना सामान्यीकरण के आयोजित हो।

प्रदर्शनकारियों ने BPSC कार्यालय का घेराव किया, जिसके चलते पुलिस ने लाठीचार्ज (Lathicharge) किया। छात्रों का आरोप था कि बिना पूर्व सूचना के सामान्यीकरण प्रक्रिया लागू करना अन्यायपूर्ण है।

पुलिस ने की कार्रवाई

डीएसपी अनु कुमारी ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन को अवैध करार दिया। उन्होंने कहा,

“अभ्यर्थियों ने बिना अनुमति के सड़कों को जाम किया है। हमने पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं ताकि उन्हें आयोग से बातचीत के लिए भेजा जा सके।”

BPSC की प्रतिक्रिया

बीपीएससी सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने प्रदर्शन को ‘बेबुनियाद’ बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि

“अगर सामान्यीकरण लागू होता, तो आयोग इसे नोटिफिकेशन या अलग से नोटिस के माध्यम से सूचित करता।”

उन्होंने यह भी कहा कि 13 दिसंबर को परीक्षा में सभी 4.80 लाख अभ्यर्थियों के लिए एक ही सेट का प्रश्नपत्र रहेगा, जिससे सामान्यीकरण की आवश्यकता नहीं होगी।

राजनीतिक समर्थन

प्रदर्शन को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कार्यकारी अध्यक्ष तेजस्वी यादव का समर्थन मिला। उन्होंने सरकार से छात्रों की मांगों को गंभीरता से लेने की अपील की।

क्या है सामान्यीकरण विवाद?

सामान्यीकरण का तात्पर्य विभिन्न शिफ्ट्स में आयोजित परीक्षाओं के कठिनाई स्तर को समान करने से है। हालांकि, इस बार परीक्षा केवल एक शिफ्ट में होनी है, जिससे यह विवाद अनावश्यक प्रतीत होता है।

छात्रों की मांगें

  • आधिकारिक बयान जारी करें: ताकि किसी प्रकार का भ्रम न रहे।
  • परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो।

प्रदर्शनकारी छात्र अपनी आवाज को तब तक बुलंद रखने का संकल्प ले चुके हैं जब तक कि आयोग स्पष्टता प्रदान नहीं करता।

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