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1 जून, 2024
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Patna Beur Jail में रजाई के नीचे चार्जर…किसकी मिलीभगत? Raid तो पड़ी है

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पटना: बेऊर जेल में पुलिस की छापेमारी, आपत्तिजनक सामान बरामद

शुक्रवार देर रात पटना के बेऊर जेल में अचानक पुलिस द्वारा छापेमारी की गई, जिसने जेल प्रशासन और कैदियों के बीच (Raid। DeshajTimes.Com) हड़कंप मचा दिया। जेल के विभिन्न वार्डों की तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की गईं। इस कार्रवाई ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था और कैदियों की गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

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छापेमारी का उद्देश्य

पुलिस और जेल प्रशासन के अनुसार, इस छापेमारी का मुख्य उद्देश्य था:

  1. जेल में मोबाइल फोन और अन्य आपत्तिजनक उपकरणों का उपयोग रोकना।
  2. यह पता लगाना कि अवैध सामान जेल में कैसे पहुंच रहा है
  3. कैदियों द्वारा बाहरी दुनिया से संपर्क और अपराध संचालन की गतिविधियों को रोकना।
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क्या-क्या बरामद हुआ?

  • चार्जर और अन्य उपकरण, जो कैदियों की ओर स े छिपाकर रखे गए थे।
  • कुछ सामान रजाई और अन्य सामानों के नीचे छुपाए गए थे।
  • पुलिस ने पुष्टि की कि छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल के संकेत मिले हैं।
  • उपकरणों और बरामद सामानों की जांच जारी है।

कैसे पहुंचा सामान जेल में?

पुलिस और जेल प्रशासन इस सवाल की जांच कर रहे हैं:

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  1. जेल कर्मियों की मिलीभगत की संभावना।
  2. कैदियों से मिलने आने वालों के जरिए सामान पहुंचना।
  3. जेल के भीतर सुरक्षा प्रक्रियाओं में खामियां।

अपराधियों की गतिविधियों पर सख्ती

बेऊर जेल पहले भी अपराधियों द्वारा जेल के भीतर से अपराध संचालित करने के आरोपों से चर्चा में रहा है।

  • पुलिस का मानना है कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल अपराधियों द्वारा गैंग गतिविधियों और धमकी जैसे मामलों के लिए किया जा रहा था।
  • इस छापेमारी का उद्देश्य जेल के भीतर अनुशासन और सुरक्षा मजबूत करना है।

आगे की कार्रवाई

  • बरामद सामानों की जांच और स्रोत का पता लगाया जाएगा।
  • जेल प्रशासन के कुछ कर्मियों पर भी शक है, जिनकी भूमिका की जांच होगी।
  • कैदियों और मिलने आने वालों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी की जाएगी।
  • जेल में सुरक्षा प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जाएगा।
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जेल में सुधार की जरूरत

बेऊर जेल में हुई यह घटना बिहार की जेलों में सुरक्षा और अनुशासन को लेकर सवाल खड़े करती है।

  • आधुनिक तकनीकों और निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल बढ़ाना होगा।
  • जेल कर्मियों की जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।
  • ऐसी छापेमारी नियमित रूप से करने की आवश्यकता है ताकि जेल के भीतर गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।

इस कार्रवाई से जेल प्रशासन को चेतावनी मिली है और कैदियों में खौफ का माहौल बना है।

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