सीएम नीतीश कुमार का निर्देश: हर व्यक्ति तक पहुंचें दवाइयां, स्वास्थ्य सेवाओं में आएगी तेजी
पटना, 14 दिसंबर 2024:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को सीएम ने 109 मुफ्त औषधि वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह पहल राज्य के ग्रामीण और शहरी इलाकों में निःशुल्क औषधि और प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक अहम प्रयास है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संदेश
मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा:
“यह योजना राज्य के प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ बनाएगी। खासकर उन लोगों के लिए लाभकारी होगी, जिन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने में आर्थिक और भौगोलिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।”
औषधि वाहनों की भूमिका
- ग्रामीण इलाकों में पहुंच:
- प्राथमिक स्तर पर ये वाहन गांवों में नियमित दवाइयों की आपूर्ति और स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों में मदद करेंगे।
- पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य केंद्रों तक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- विशेष जरूरतों की पूर्ति:
- द्वितीय स्तर पर, ये वाहन अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के बीच दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति करेंगे।
- 38 जिलों से तैनाती:
- 38 जिला मुख्यालयों से औषधि वाहनों की शुरुआत होगी।
- प्रखंड और पंचायत स्तर तक इनकी सेवाएं विस्तारित की जाएंगी।
कार्यक्रम में विशेष अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर कई वरीय अधिकारी और मंत्रियों ने भाग लिया:
- उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा
- जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी
- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय
- अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत
- कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत
प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा भेंट कर पर्यावरण और स्वास्थ्य संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीकात्मक संदेश दिया।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद
यह योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाने की रणनीति का हिस्सा है। सरकार को उम्मीद है कि इससे:
- दवाइयों की उपलब्धता में सुधार होगा।
- स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में गुणवत्ता बढ़ेगी।
- जनसामान्य का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आह्वान
मुख्यमंत्री ने अंत में सभी स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को निर्देश दिया कि:
“योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जाए, ताकि राज्य के प्रत्येक व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंचे।”
इस पहल से बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई शुरुआत की उम्मीद की जा रही है।