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15 दिसम्बर, 2024
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Manipur Violence: मणिपुर में बिहार के 2 मजदूरों की हत्या, मारी गई गोली, परिजनों को मिलेगा मुआवजा, CM Nitish Kumar Said…

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पटना। मणिपुर में उपद्रवी हिंसा के दौरान बिहार के गोपालगंज जिले के दो मजदूरों की हत्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।


मुख्यमंत्री का निर्देश

  • अन्य योजनाओं का लाभ:
    मुख्यमंत्री ने श्रम संसाधन विभाग और समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिया है कि मृतकों के परिजनों को संबंधित सरकारी योजनाओं के तहत अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाए।
  • पार्थिव शरीर लाने की व्यवस्था:
    दिल्ली स्थित बिहार के स्थानिक आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि मणिपुर में मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव तक पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

घटना का विवरण

  1. हत्या का स्थान:
    • घटना काकचिंग जिले के मैतेई बहुल इलाके में हुई।
  2. मृतक मजदूर:
    • मृतकों में सुनेलाल कुमार (18) और दशरथ कुमार (17) शामिल हैं।
    • दोनों गोपालगंज जिले के निवासी थे और मणिपुर में मजदूरी का काम कर रहे थे।
  3. घटना का समय:
    • शनिवार को दो अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की हत्या हुई, जिनमें से दो बिहार के मजदूर थे।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

नीतीश कुमार ने घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा:

“मणिपुर में बिहार के निवासियों पर हुई इस हिंसा की मैं कड़ी निंदा करता हूं। प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता मिले।”


स्थानीय प्रशासन की भूमिका

  • अज्ञात हमलावर:
    घटना को अज्ञात हमलावरों ने अंजाम दिया।
  • सुरक्षा की कमी:
    मणिपुर में बिहार के मजदूरों के बीच सुरक्षा को लेकर आतंक और असुरक्षा का माहौल बन गया है।
  • जांच जारी:
    स्थानीय प्रशासन हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है।

परिजनों का दुख

मृतकों के परिवार इस घटना से बेहद मर्माहत हैं। वे मुआवजे के साथ दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


सरकार की जिम्मेदारी

बिहार सरकार ने मणिपुर में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार और मणिपुर प्रशासन से संवेदनशीलता बरतने की अपील की है।


घटना ने उठाए सवाल

इस घटना ने प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और संवेदनशील क्षेत्रों में उनकी स्थिति पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। सरकार के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि ऐसे मामलों में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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