Muzaffarpur News (गायघाट), दीपक कुमार | गायघाट प्रखंड कार्यालय परिसर में बना शौचालय अपनी उपेक्षा के कारण एक शोभा की वस्तु बनकर रह गया है। यह शौचालय पहले से निर्माण के बाद से ही बंद पड़ा हुआ है, जबकि इसका उद्देश्य प्रखंड कार्यालय आनेवाले आमलोगों को शौच के लिए सुविधा प्रदान करना था।
शौचालय का निर्माण लेकिन ताला लटकता है
गायघाट प्रखंड कार्यालय परिसर में बने इस शौचालय का निर्माण तो किया गया था, लेकिन निर्माण के बाद से ही यह बंद पड़ा हुआ है। ताला लटका रहने के कारण, यहां आनेवाले लोग, खासकर महिलाएं, शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर हैं।
महिलाओं को हो रही अधिक परेशानी
क्योंकि कार्यालय में अक्सर भीड़ रहती है, शौचालय का बंद रहना महिलाओं के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गया है। कई बार शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। प्रखंड कार्यालय के कर्मी भी मानते हैं कि शौचालय के बंद रहने से कार्यालय आनेवाले लोगों को दिक्कत होती है।
खुले में शौच मुक्त अभियान की धज्जियां उड़ा रहा ताला
प्रखंड कार्यालय में शौचालय होने के बावजूद ताले की वजह से लोग सड़कों के किनारे गंदगी फैलाने पर मजबूर हो रहे हैं, जिससे खुले में शौच मुक्त अभियान का उल्लंघन हो रहा है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए, ताकि शौचालय का सही इस्तेमाल हो सके और लोग खुले में शौच जाने से बच सकें।
पंचायतों में जागरूकता पर सवाल
गायघाट प्रखंड में शौचालयों का निर्माण कर पंचायतों को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित किया गया है, लेकिन प्रखंड कार्यालय के परिसर में बने शौचालय का बंद रहना इस अभियान की गंभीरता पर सवाल उठाता है। लोग इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहते हैं कि जब सरकारी दफ्तर में शौचालय का उपयोग नहीं हो पा रहा है, तो पंचायतों में लोगों को जागरूक करने का क्या फायदा है।
निष्कर्ष:
गायघाट प्रखंड कार्यालय परिसर में बने शौचालय के बंद रहने से न केवल लोगों को असुविधा हो रही है, बल्कि यह खुले में शौच मुक्त अभियान की सफलता पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द इस समस्या का समाधान करेगा ताकि जनता को सही सुविधा मिल सके।