भारत-पाक सीमा के जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात Bihar के गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड के लाल, मनीष कुमार तिवारी, आतंकवादी हमले में शहीद हो गए। घटना सोमवार की अहले सुबह की बताई जा रही है। जैसे ही शहीद की खबर उनके गांव तिवारी चकवा पहुंची, वहां मातम छा गया। शहीद के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है, और परिवार में मातम का माहौल है।
आतंकी हमले का विवरण
मनीष कुमार तिवारी, जो एयर डिफेंस आर्मी कोर यूनिट में हवलदार के पद पर तैनात थे, सोमवार की सुबह ड्यूटी से लौटते समय आतंकवादियों के हमले का शिकार हो गए। हमले में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह खबर यूनिट के अधिकारियों ने उनके पिता मार्कण्डेय तिवारी को फोन के माध्यम से दी।
सेना में 13 वर्षों की सेवा
मनीष कुमार तिवारी ने करीब 13 साल पहले सेना में अपनी सेवा शुरू की थी। वे देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात रहे और 5 महीने पहले उनकी यूनिट को ग्वालियर से जम्मू-कश्मीर के राजौरी स्थानांतरित किया गया था।
उनके पिता मार्कण्डेय तिवारी भी एयर डिफेंस यूनिट में अपनी सेवा दे चुके हैं और अब सेवानिवृत्ति के बाद अपने गांव में खेती करते हैं। पिता-पुत्र की यह देश सेवा की परंपरा अब गांव के लिए गर्व और गम का विषय बन गई है।
गांव में मातम और श्रद्धांजलि
शहीद मनीष कुमार के पार्थिव शरीर के मंगलवार शाम तक गांव पहुंचने की संभावना है। प्रशासन और सेना के अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाए।
घटना के बाद गांव के लोग शहीद के घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं। भोरे प्रखंड प्रमुख राजेश राम, बीडीओ दिनेश कुमार, और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी शहीद के परिवार से मुलाकात की और दुःख साझा किया।
एक सच्चा योद्धा
मनीष कुमार तिवारी ने अपने जीवन में देश सेवा को प्राथमिकता दी। उनका बलिदान न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है। राजौरी में हुआ यह हमला आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष की दुखद वास्तविकता को उजागर करता है।
शहीद को श्रद्धांजलि
यह राष्ट्र मनीष कुमार तिवारी के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को देश सेवा और कर्तव्य के प्रति समर्पण का उदाहरण देगा।
जय हिंद।