Satish Jha, बेनीपुर | – प्रखंड क्षेत्र के हरिपुर गांव में सीआरपीएफ के जवान प्रभास कुमार झा का राष्ट्रीय सलामी के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पूरे गांव ने इस जांबाज सपूत को अश्रुपूरित नेत्रों से अंतिम विदाई दी। सेना के जवानों, स्थानीय प्रशासन, और ग्रामीणों ने उनके साहस और सेवा को सलाम करते हुए गर्व और शोक के बीच उन्हें विदाई दी।
अचानक बिगड़ी तबीयत और निधन
हरिपुर निवासी स्वर्गीय महाकांत झा के ज्येष्ठ पुत्र, प्रभास कुमार झा, सीआरपीएफ (नई दिल्ली) में कार्यरत थे।
- 16 दिसंबर की सुबह, तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें विभागीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
- 17 दिसंबर को उनका पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से पटना लाया गया।
गांव में पहुंचा पार्थिव शरीर
- मुजफ्फरपुर सीआरपीएफ मुख्यालय में जवानों ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव, हरिपुर, लाया गया।
- गांव में जैसे ही पार्थिव शरीर पहुंचा, “भारत माता की जय” के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
- अंतिम संस्कार में राष्ट्रीय ध्वज के साथ सेना के जवानों ने सम्मान व्यक्त किया।
परिवार और गांव में शोक का माहौल
- प्रभास झा के निधन से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
- उनके ज्येष्ठ पुत्र रोहन कुमार झा ने उन्हें मुखाग्नि दी।
- ग्रामीण और परिजन बताते हैं कि प्रभास बचपन से ही दिलेर, विनम्र और सहायक स्वभाव के थे।
सेना और ग्रामीणों की श्रद्धांजलि
- सीआरपीएफ जवानों और उनके सहकर्मियों ने उनकी ईमानदारी और कार्यशैली की जमकर तारीफ की।
- ग्रामीणों ने बताया कि प्रभास कुमार झा ने अपनी सेवा से हर किसी को प्रभावित किया था।
गांव में गर्व और गम का मिश्रण
प्रभास कुमार झा की वीरता और सेवा भावना ने उनके गांव को गर्वित किया।
- ग्रामीणों सुभाष झा, विपिन झा, राम सागर झा, प्रवीण झा ने बताया कि उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन किया।
- अंतिम संस्कार के दौरान पूरा क्षेत्र शोक और देशभक्ति के माहौल से भर गया।
भारत माता के नारों से गूंजा स्मशान
प्रभास कुमार झा की अंतिम यात्रा के दौरान ग्रामीणों और जवानों ने भारत माता की जय और जय जवान, जय किसान के नारों के साथ उन्हें विदाई दी।
एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व
प्रभास कुमार झा के जीवन और कार्यशैली ने सभी के लिए एक प्रेरणास्रोत के रूप में कार्य किया। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा, और हरिपुर गांव उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।