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21 दिसम्बर, 2024
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दरभंगा में मिली तस्करी की सूचना, एक्शन में वन प्रमंडल, शाही पक्षियों के साथ Madhubani में तस्कर Arrested!

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Prabhash Ranjan, दरभंगा | मिथिला क्षेत्र के वन प्रमंडल के पदाधिकारियों ने एक बड़ी तस्करी का खुलासा करते हुए एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। वन प्रमंडल के अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि मधुबनी जिला के जयनगर रेलवे स्टेशन के पास एक तस्कर के पास दो शाही (शाही तीतर) पिंजरे में बंद हैं और उन्हें कहीं ले जाने की तैयारी की जा रही है।

इस सूचना के बाद, वन प्रमंडल के अधिकारियों ने जयनगर पहुंचकर त्वरित कार्रवाई की और पिंजरे में बंद दोनों शाही पक्षियों को बरामद कर लिया। साथ ही, तस्करी में शामिल विकास कुमार नामक आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया।


तस्कर से पूछताछ और जानकारी का खुलासा:

गिरफ्तार तस्कर विकास कुमार से पूछताछ की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि ये शाही पक्षी कहां से लाए गए थे और उन्हें कहाँ ले जाने की योजना थी। तस्करी के उद्देश्य और शाही पक्षियों के स्थान की जानकारी से संबंधित पुलिस और वन विभाग की जांच जारी है।

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बरामद शाही की सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया:

वन प्रमंडल के अधिकारियों ने बताया कि बरामद किए गए शाही पक्षी को पटना स्थित चिड़ियाघर भेजने की तैयारी की जा रही है, ताकि उनका संरक्षण और देखभाल की जा सके। वहीं, गिरफ्तार तस्कर विकास कुमार को न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा और मामले की आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


मगरमच्छ के बच्चे और खाल की बरामदगी:

इसी सप्ताह, शुक्रवार की देर रात मनिगाछी थाना क्षेत्र से भी आठ मगरमच्छ के बच्चे और एक मगरमच्छ की खाल बरामद की गई थी। इस मामले में तीन तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया था। यह घटनाएं प्राकृतिक संपत्ति की तस्करी के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करती हैं और वन विभाग के लिए यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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वन प्रमंडल की सक्रियता और तस्करी पर नियंत्रण:

वन प्रमंडल के अधिकारियों ने कहा कि वे इस प्रकार की तस्करी पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं और इसके खिलाफ कार्यवाही जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों और वन्यजीवों की तस्करी रोकने के लिए इस प्रकार की जागरूकता और त्वरित कार्रवाई जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

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निष्कर्ष:
इस कार्रवाई से यह साफ होता है कि वन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से वन्यजीवों की तस्करी में कमी लाई जा सकती है। वन प्रमंडल की सक्रियता और तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि प्राकृतिक संपत्ति और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।

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