बिहार में रेल यातायात के सुधार के उद्देश्य से लहेरियासराय-सहरसा और दरभंगा-मुजफ्फरपुर के बीच दो नई रेल लाइनों के निर्माण का प्रस्ताव है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से राज्य में रेलवे परिवहन तेज, सुविधाजनक और समयबद्ध हो सकेगा।
लहेरियासराय-सहरसा रेललाइन परियोजना
- लंबाई: 98.250 किमी।
- कुल लागत: 2144 करोड़ रुपये (संशोधित डीपीआर)।
- पहला डीपीआर: मार्च 2024 में 2680 करोड़ रुपये की लागत का डीपीआर अस्वीकृत।
- संशोधन: लागत में 20% की कटौती।
- डीपीआर प्रगति: जनवरी 2025 तक रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
संरचनात्मक बदलाव
- बड़े पुलों की संख्या: 12 से घटाकर 10।
- छोटे पुलों की संख्या: 78 से घटाकर 65।
- रोड ओवरब्रिज और अंडरपास: संख्या में कटौती।
परियोजना की देखरेख
- मुख्य कार्यपालक अभियंता: विनोद कुमार।
- समस्तीपुर मंडल: लागत को कम करते हुए डीपीआर तैयार कर रहा है।
दरभंगा-मुजफ्फरपुर रेललाइन परियोजना
- लंबाई: 67.4 किमी।
- कुल लागत: 2378 करोड़ रुपये।
- सर्वे एजेंसी: रुड़की की निजी एजेंसी।
- स्टेशनों की संख्या: 10।
- क्रॉसिंग: 27।
- रेल पुल: 6।
मार्ग का विवरण
रेललाइन लहेरियासराय स्टेशन से पंडासराय, डिलाही, कोलहंटा पटोरी, माधोपुर पंडौल, घोसहमा, विद्यारोज, सिलौत, नारायणपुर अनंत होते हुए मुजफ्फरपुर जंक्शन तक जाएगी।
अगले कदम
- रेलवे बोर्ड से डीपीआर तैयार करने के आदेश की प्रतीक्षा।
- सर्वे रिपोर्ट के अनुमोदन के बाद निर्माण कार्य आरंभ होगा।
परियोजनाओं से संभावित लाभ
1. यातायात सुधार:
- ट्रेनों की गति में वृद्धि।
- समय पर ट्रेन संचालन।
2. आर्थिक विकास:
- क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बेहतर होने से आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन।
3. यात्रियों की सुविधा:
- आधुनिक और तेज रेल सेवा का अनुभव।
4. समय की बचत:
- लंबी दूरी की यात्रा में समय की बचत।
इन दोनों परियोजनाओं के पूरा होने से बिहार में रेलवे नेटवर्क को नई दिशा मिलेगी और राज्य के विकास को गति मिलेगी।