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9 जनवरी, 2024
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मधुबनी में तीन अंतरराष्ट्रीय मानव बाल तस्कर धराए, चीन भेजने की तैयारी में दक्षिण भारत से आए, बिहार-नेपाल सीमा पर बड़ी कार्रवाई

पश्चिम बंगाल से चला ट्रक आखिरकार मधुबनी में पकड़ा गया। इस ट्रक से सोलह सौ किलोग्राम मानव बाल जब्त करते हुए मधुबनी समेत पश्चिम बंगाल के तीन तस्करों को दबोचा गया। मानव बाल चीन भेजने की तैयारी में थे सभी तस्कर, जहां, अब यह पता लगागा जा रहा है कि आखिर, दक्षिण भारत के किन-किन मंदिरों से बाल चुराए गए और इसमें कौन-कौन शामिल हैं। बता दें, भारत के बालों का निर्यात 6,000-8,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें चीन का हिस्सा कुल निर्यात का 80 प्रतिशत है।

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मधुबनी के बिहार-नेपाल सीमा पर DRI की बड़ी कार्रवाई, सोलह सौ किलोग्राम मानव बाल के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार, दक्षिण भारत से खेप लाकर चीन भेजने की तैयारी में तीनों धराए

डायरेक्टरेट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने बिहार के मधुबनी (Madhubani) में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 1,600 किलोग्राम मानव बाल के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। यह खेप दक्षिण भारत से लाकर नेपाल के रास्ते चीन भेजने की योजना थी।

कैसे पकड़ी गई खेप?

  • डीआरआई (DRI) की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की।
  • पश्चिम बंगाल नंबर (West Bengal Number) का एक ट्रक मधुबनी से गुजर रहा था, जिसमें बालों की खेप होने की सूचना थी।
  • जांच के दौरान ट्रक से 1,600 किलोग्राम मानव बाल बरामद किए गए।

तस्करों की पहचान

  • गिरफ्तार तस्करों में दो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद (Murshidabad) जिले के निवासी हैं।
  • तीसरा आरोपी बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला है।
  • सभी आरोपियों से डीआरआई की मुजफ्फरपुर शाखा में पूछताछ की जा रही है।

बालों की चोरी और तस्करी का नेटवर्क

  • तस्करों ने बताया कि बरामद बाल दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों (South Indian Temples) से चोरी किए गए थे।
  • तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) में होने वाले मुंडन से सबसे अधिक बाल चुराए गए।
  • बालों की अनुमानित कीमत 80 लाख रुपये आंकी गई है।
  • बालों को नेपाल के रास्ते चीन भेजा जाना था, जहां इनका उपयोग विग (Wigs) और अन्य सामग्री बनाने में किया जाता है।

चीन में बालों की मांग क्यों?

  • चीन में विग निर्माण और हेयर एक्सटेंशन (Hair Extension) उद्योग के लिए मानव बाल की भारी मांग है।
  • इन उत्पादों की दुनियाभर में सप्लाई की जाती है।
  • भारत से बालों की सप्लाई प्रतिबंधित (Restricted) है, इसलिए तस्कर नेपाल के रास्ते इस काम को अंजाम देते हैं।

बिहार के रास्ते तस्करी क्यों?

  • पहले तस्करी के लिए पश्चिम बंगाल (West Bengal) का उपयोग किया जाता था।
  • ईडी (ED) की कार्रवाई और बॉर्डर सील होने के कारण तस्करों ने बिहार के रास्ते का उपयोग शुरू कर दिया।
  • मधुबनी जैसे सीमावर्ती इलाकों का उपयोग तस्करी के लिए उपयुक्त माना गया।

डीआरआई की सतर्कता और आगे की कार्रवाई

  • डीआरआई (DRI) के अधिकारी गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
  • बरामद खेप से जुड़े अन्य नेटवर्क की जांच की जा रही है।
  • यह पता लगाया जा रहा है कि दक्षिण भारत के किन-किन मंदिरों से बाल चुराए गए और इसमें कौन-कौन शामिल है।

सतर्कता की जरूरत

  • मानव बाल की तस्करी न केवल धार्मिक स्थलों (Religious Places) की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) में संगठित अपराध की ओर भी इशारा करती है।
  • सुरक्षा एजेंसियों को सीमावर्ती इलाकों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।

निष्कर्ष

डीआरआई की यह कार्रवाई तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। मानव बाल की चोरी और तस्करी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों (Security Measures) को और मजबूत करना होगा।

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