Deepak Kumar, Muzaffarpur | मुजफ्फरपुर में यातायात की भीड़ और जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक नया रिंग रोड प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। यह रिंग रोड शहर के चारों ओर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) को जोड़ने का कार्य करेगा, जिससे शहर के अंदर यातायात की भीड़ कम होगी और विभिन्न शहरों से आने-जाने वाले वाहन बिना मुजफ्फरपुर में प्रवेश किए सीधे पटना की ओर जा सकेंगे।
प्रोजेक्ट की विशेषताएं:
- लंबाई: इस रिंग रोड की कुल लंबाई 17 किलोमीटर होगी।
- पहली परियोजना: मधौल से मुजफ्फरपुर-छपरा एनएच को जोड़ते हुए मधौल-कांटी बाईपास का निर्माण फरवरी 2025 तक पूरा हो जाएगा।
- दूसरी परियोजना: पूसा रोड से हरपुर बखरी एनएच 527 सी (मुजफ्फरपुर-दरभंगा फोरलेन) तक 9 किलोमीटर लंबा रोड बनना है।
- तीसरी परियोजना: मुजफ्फरपुर-हाजीपुर फोरलेन और मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर नया एनएच 122 को जोड़ते हुए रिंग रोड बनेगा।
मुख्य मार्ग और कार्य:
- रामदयालुनगर से हाजीपुर एनएच 22 में मधौल से रिंग रोड की शुरुआत होगी और यह पूसा रोड से मिल जाएगा।
- दिघरा से बखरी तक 12.55 किलोमीटर की लंबाई वाला मार्ग बनाना है, जो बूढ़ी गंडक नदी पर एक आरसीसी ब्रिज से जुड़ेगा।
- रिंग रोड में मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेल मार्गों से भी संपर्क किया जाएगा।
मुख्यमंत्री की पहल:
मुजफ्फरपुर में जाम की समस्या को हल करने के लिए यह रिंग रोड परियोजना मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान मुजफ्फरपुर वासियों को एक बड़ी सौगात के रूप में शुरू की गई है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि यह परियोजना मुजफ्फरपुर के यातायात को सुगम और तेज बनाएगी।
फायदे:
- वाहन आवाजाही में सुधार: शहर के भीतर वाहनों की भीड़ कम होगी।
- सीधे यात्रा: विभिन्न स्थानों से आने वाले वाहन बिना शहर में प्रवेश किए सीधे पटना की ओर जा सकेंगे।
- प्रदूषण में कमी: जाम के कारण होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी।
निष्कर्ष:
यह रिंग रोड परियोजना मुजफ्फरपुर और आसपास के क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इससे न केवल शहरवासियों को जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा।