कुशेश्वरस्थान पूर्वी। प्रखंड के समौरा दुर्गा एवं हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित होने वाले 16 जनवरी से श्रीराम कथा ज्ञान महायज्ञ के लिए बुधवार को भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में 321 महिलाएं एवं कुंवारी कन्याएं शामिल हुईं।
कलश यात्रा का रूट और विधि-विधान
- कलश यात्रा यज्ञ स्थल से प्रारंभ होकर उसरी गांव होते हुए कमला बलान नदी के संगम तट पर पहुंची।
- संगम तट पर मंगल कलश में पवित्र जल भरकर सभी श्रद्धालु नगर भ्रमण करते हुए पुनः यज्ञ स्थल लौटे।
- अयोध्या धाम के पंडित प्रदीप तिवारी, शुभम् पांडेय, शोभित मिश्रा, अतुल मिश्रा और शिवदत्त मिश्रा ने महंत शशिकांत दास के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश की स्थापना करवाई।
जयकारों से गूंजा माहौल
पूरे आयोजन के दौरान जय श्रीराम, हर हर महादेव और सत्य का जय हो, अधर्म का नाश हो, जगत का कल्याण हो के जयकारे से वातावरण भक्तिमय हो गया।
महायज्ञ की तैयारियां पूरी
- यज्ञ मंडप को रंग-बिरंगे फूलों और बिजली के बल्बों से आकर्षक रूप से सजाया गया है।
- महायज्ञ में अंतरराष्ट्रीय कथा वाचिका अयोध्या की देवी चंद्र कला जी द्वारा प्रतिदिन कथा वाचन होगा।
मनोरंजन और मेले का आयोजन
महायज्ञ के साथ-साथ श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के मनोरंजन के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं:
- झूले, मौत का कुंआ और मीना बाजार आकर्षण का केंद्र होंगे।
- रामलीला का आयोजन प्रतिदिन रात्रि में किया जाएगा।
- विभिन्न प्रकार की दुकानों ने भी मेले में अपनी जगह ले ली है।
आकर्षण और श्रद्धा का संगम
यह महायज्ञ न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करेगा बल्कि ग्रामीणों के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल का अवसर भी बनेगा। इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।