सतीश चंद्र झा, बेनीपुर | बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर चल रही न्यायालय कर्मियों की हड़ताल का प्रभाव बेनीपुर व्यवहार न्यायालय में आज दूसरे दिन भी दिखाई दिया। हड़ताल के कारण न्यायालय के सभी कार्यों में ठहराव आ गया, जबकि न्यायिक पदाधिकारी समय पर न्यायालय में उपस्थित रहे, लेकिन कोई भी न्यायिक कर्मी उपस्थित नहीं था।
न्यायालय का कामकाज ठप्प
हड़ताल के कारण न्यायालय में सभी कार्य रोक दिए गए हैं। जमानत याचिका, सिविल वाद, और गवाही के मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है, जिससे न्यायालय से जुड़ी प्रक्रिया पूरी तरह से ठप्प हो गई है।
इसके अलावा, लंबित वारंट और उत्पाद अधिनियम से संबंधित वारंटों के तामिला से संबंधित बंदियों की प्रस्तुतीकरण भी न्यायालय में नहीं हो रही है। इसके कारण, कई हाजत में बंद वारंटी लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं।
हड़ताल का कारण
बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी महासंघ ने अपने चार सूत्री मांगों को लेकर 15 जनवरी को अपने पीठासीन पदाधिकारी को कार्यालय की चाबी सौंपते हुए 16 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया था। इस हड़ताल के चलते राज्य भर के न्यायालयों में कामकाज ठप्प पड़ा है।
कर्मचारी संघ का बयान
राजकमल झा, जो कि राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी महासंघ के जिला उपाध्यक्ष हैं, ने कहा
जब तक कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक हड़ताल अनिश्चितकालीन जारी रहेगी…
प्रभाव
इस हड़ताल का व्यापक असर आम जनता पर पड़ रहा है, खासकर उन लोगों पर जो न्यायालय की प्रक्रिया का हिस्सा हैं। इसके चलते उन्हें बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
निष्कर्ष:
बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ की हड़ताल के कारण न्यायालय का कामकाज ठप्प है और यह स्थिति तब तक जारी रहेगी जब तक कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं होता।