दरभंगा। एक निजी स्कूल में शिक्षक अनुज द्विवेदी को साइबर ठगों ने 7 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना लिया। बक्सर जिले के सिकरौल थाना क्षेत्र के तेतरहार गांव के रहने वाले अनुज ने साइबर थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
कैसे हुई ठगी?
अनुज द्विवेदी के मुताबिक, 21 जुलाई 2024 को उन्हें टेलीग्राम पर एक संदेश मिला, जिसमें पार्ट-टाइम काम का प्रस्ताव दिया गया था। संदेश में कहा गया कि डिजिटल मार्केटिंग के जरिए अतिरिक्त आय और कमीशन प्राप्त किया जा सकता है।
- पार्ट-टाइम जॉब का लालच:
- अनुज को डिजिटल मार्केटिंग से जल्दी पैसा कमाने का झांसा दिया गया।
- शुरुआती तौर पर उनके खाते में 1165 रुपये भेजे गए, जिससे उन्हें विश्वास हो गया।
- धोखाधड़ी की शुरुआत:
- ठगों ने पैसे इन्वेस्ट करने के लिए कहा और अनुज ने कई किस्तों में पैसे भेजे।
- ठगों ने उन्हें रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) का प्रलोभन दिया।
- शिकायत के बाद पता चला ठगी का सच:
- जब अनुज को ठगी का आभास हुआ, तब तक वे ठगों को 6,85,198 रुपये ट्रांसफर कर चुके थे।
- ठगी का पता चलने के बाद उन्होंने पैसे भेजना बंद कर दिया।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच
इस मामले में साइबर थाना के थानाध्यक्ष दिलीप कुमार ने बताया:
- प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
- ठगी के तरीकों और धन के ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है।
- ठगों की पहचान के लिए डिजिटल ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है।
साइबर अपराध के बढ़ते मामले
दरभंगा और आसपास के क्षेत्रों में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ठग सोशल मीडिया और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों को झांसे में ले रहे हैं।
- आर्थिक हानि: लोग अपनी मेहनत की कमाई ठगों के हाथों गंवा रहे हैं।
- टारगेट ग्रुप: नौकरी की तलाश करने वाले, खासकर युवा और जरूरतमंद लोग।
सावधानी बरतें:
- सोशल मीडिया संदेशों पर भरोसा न करें:
- अनजान नंबर से आए किसी भी ऑफर को बिना जांच-परख स्वीकार न करें।
- इन्वेस्टमेंट का लालच:
- छोटी रकम का लालच देकर बड़ी ठगी की जाती है।
- संवेदनशील जानकारी साझा न करें:
- बैंक अकाउंट और पर्सनल डिटेल किसी से भी साझा न करें।
सरकार और प्रशासन से अपेक्षाएं:
- साइबर जागरूकता अभियान: लोगों को ठगी से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा पर जागरूक करना जरूरी है।
- तेजी से कार्रवाई: साइबर अपराधियों को पकड़ने और पीड़ितों का पैसा वापस दिलाने के लिए दृढ़ कदम उठाए जाने चाहिए।