राजवीर सिंह, दरभंगा | दरभंगा के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान शहर की शानदार सफाई और हराही पोखर पर करोड़ों के खर्च को देखकर उत्साहित थे। सोशल मीडिया पर इसकी तुलना इंदौर जैसे स्वच्छ शहरों से की गई थी। लेकिन अब, कुछ ही हफ्तों में दरभंगा की स्थिति पुनः कचरे और गंदगी से घिर गई है।
Darbhanga News: स्थानीय नागरिकों की नाराज़गी
एक ट्विटर (X) यूजर ने लिखा:
दरभंगा में मुख्यमंत्री के आगमन पर हराही पोखर की सफाई पर करोडो खर्च किया गया था और शहर की सफाई ऐसे लगता था जैसे इन्दौर के साथ चलने की कोशिश चल रहा है पर उनके जाने के बाद शहर पुनर्मूषिको भव
— Ashok Choudhary (@AshokCh68973007) January 21, 2025
Darbhanga News: प्रशासनिक लापरवाही या अस्थायी दिखावा?
- मुख्यमंत्री के दौरे से पहले:
- दरभंगा के हराही पोखर और मुख्य मार्गों की सफाई पर बड़ा बजट खर्च किया गया।
- शहर की सड़कों, पार्कों, और सार्वजनिक स्थानों को चमकाया गया।
- दौरे के बाद:
- सफाई अभियान ठप पड़ गया।
- गंदगी और कचरे के ढेर फिर से जगह-जगह दिखाई देने लगे।
Darbhanga News: प्रश्न उठता है: “ऐसा क्यों?”
- अस्थायी दिखावे की संस्कृति:
- बड़े दौरे और आयोजनों पर प्रशासन द्वारा सिर्फ अस्थायी सफाई पर ध्यान देना।
- दीर्घकालिक सफाई योजनाओं की कमी।
- सिस्टम में जिम्मेदारी का अभाव:
- स्थानीय निकायों द्वारा सफाई कार्य की निरंतरता बनाए रखने में असफलता।
- स्वच्छता के लिए जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित न करना।
- बजट का दुरुपयोग:
- हराही पोखर सफाई अभियान में करोड़ों खर्च, लेकिन परिणाम लंबे समय तक टिक नहीं सके।
- क्या यह केवल एक दिखावा था?
Darbhanga News: क्या होना चाहिए समाधान?
- दीर्घकालिक योजनाएं:
- सफाई अभियान को स्थायी रूप से लागू करने के लिए मासिक या साप्ताहिक योजनाएं बनाई जाएं।
- स्थानीय निकायों की जवाबदेही:
- नगर निगम और प्रशासन को सफाई के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
- जनभागीदारी:
- स्वच्छता के प्रति नागरिकों को जागरूक और जिम्मेदार बनाया जाए।
- स्वच्छता बजट की पारदर्शिता:
- खर्च किए गए बजट का सार्वजनिक लेखा-जोखा हो।
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