दरभंगा | दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (DMCH) की क्लिनिकल पैथोलॉजी विभाग की बदहाल व्यवस्था पर मंगलवार को एक महिला ने खुलकर सवाल उठाए। यूरिन सैंपल देने आई महिला ने जब जर्जर शौचालय देखा, तो वह भड़क गईं और सीधे अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर जवाब मांगने लगीं।
महिला मरीजों की दुर्दशा उजागर
🚽 शौचालय की दयनीय स्थिति
🔹 न दरवाजा, न खिड़की – महिलाओं की गोपनीयता दांव पर
🔹 सांप-बिच्छू का डर, रोशनी का अभाव, बदबू से भरा माहौल
🔹 महिलाएं शौचालय के बजाय पेड़ों की आड़ में सैंपल देने को मजबूर
🔹 साफ-सुथरे शौचालय के अभाव में असहज महसूस करती हैं महिलाएं
💬 महिला मरीज ने खोली पोल
👉🏻 महिला मरीज ने अस्पताल कर्मियों से साफ शौचालय दिखाने को कहा
👉🏻 अधिकारियों से जवाब मांगने अधीक्षक कार्यालय पहुंची
👉🏻 महिला के आक्रोश को देखते हुए कर्मियों ने वैकल्पिक शौचालय दिखाया
👉🏻 अन्य महिलाओं ने भी व्यवस्था पर सवाल उठाए, प्रबंधन से तत्काल सुधार की मांग
प्रशासन का जवाब
🚨 DMCH के उपाधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने कहा कि शौचालय निर्माण की जिम्मेदारी बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (BMSICL) की है।
✅ कॉरपोरेशन के अधिकारियों को पत्र लिखकर जल्द शौचालय निर्माण की मांग की गई है।
✅ मौखिक रूप से भी अनुरोध किया गया है कि इस काम को प्राथमिकता पर लिया जाए।
मरीजों की मांग – कब मिलेगा समाधान?
📌 महिलाओं ने प्रशासन से तत्काल नया शौचालय बनवाने की मांग की।
📌 साफ-सुथरे और सुरक्षित शौचालय के बिना पैथोलॉजी जांच मुश्किल।
📌 प्रशासनिक उदासीनता के कारण मरीजों को रोजाना शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।
📢 क्या अस्पताल प्रशासन महिला मरीजों की इस समस्या को गंभीरता से लेगा? आपकी क्या राय है?