Patna | बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उपभोक्ताओं को सस्ती, ताजा सब्जियां उपलब्ध कराने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। राज्य के सभी 534 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी सहकारी समितियों (Primary Vegetable Cooperative Societies) का गठन किया जाएगा और ‘सुधा मॉडल’ पर वेजिटेबल आउटलेट्स खोले जाएंगे।
धान और गेहूं की खरीद का अपडेट
🌾 वित्तीय वर्ष 2024-25 में 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य था, जिसमें से 87% (39.23 लाख मीट्रिक टन) खरीद पूरी हो चुकी है।
🌾 पैक्स के माध्यम से किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जा रहा है।
🌾 अब 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होगी, जिसके लिए 24,324 किसानों ने पंजीकरण कराया है।
🌾 इस साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,275 से बढ़ाकर ₹2,425 प्रति क्विंटल किया गया है।
किसानों के लिए सहकारी समितियों का विस्तार
🥦 राज्य के सभी 38 जिलों और 534 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी सहकारी समितियों का गठन होगा।
🥦 बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन (COMFED) द्वारा संचालित ‘सुधा मॉडल’ की तरह, अब सब्जियों के लिए भी एक संगठित नेटवर्क बनाया जाएगा।
🥦 ‘वैजफेड’ (Vegetable Federation) और ‘कॉम्फेड’ के सहयोग से सब्जी आउटलेट्स खोले जाएंगे।
🥦 बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और उपभोक्ताओं को उचित दर पर ताजी सब्जियां मिलेंगी।
गोदाम और भंडारण क्षमता में वृद्धि
🏢 राज्य में 7,056 गोदामों का निर्माण पूरा हो चुका है, जिससे 15.67 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता विकसित हुई है।
🏢 2023-24 में ₹169 करोड़ की लागत से 325 गोदाम निर्माणाधीन हैं।
🏢 2024-25 में ₹147 करोड़ की लागत से 259 नए गोदाम बनाए जा रहे हैं।
🏢 प्याज उत्पादन वाले प्रमुख प्रखंडों में विशेष भंडारण सुविधा विकसित होगी।
सब्जी सहकारी समितियों के फायदे
✔ शहरी क्षेत्रों में उचित दर पर ताजी सब्जियां मिलेंगी।
✔ किसानों को सीधा बाजार मिलेगा, जिससे उनकी आय बढ़ेगी।
✔ फसल बर्बादी रुकेगी और लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा।
✔ स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
सर्वश्रेष्ठ पैक्सों को मिलेगा पुरस्कार
🏆 राज्य स्तर पर:
- प्रथम पुरस्कार: ₹15 लाख
- द्वितीय पुरस्कार: ₹10 लाख
- तृतीय पुरस्कार: ₹7 लाख
🏆 जिला स्तर पर:
- प्रथम पुरस्कार: ₹5 लाख
- द्वितीय पुरस्कार: ₹3 लाख
- तृतीय पुरस्कार: ₹2 लाख
आगे की रणनीति
📌 पहले चरण में 10 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।
📌 सफल रहने पर पूरे बिहार के 534 प्रखंडों में इन समितियों का विस्तार होगा।
📌 किसानों को ट्रेनिंग और वित्तीय सहायता दी जाएगी।
➡ यह पहल बिहार के किसानों और उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है, जिससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और उपभोक्ताओं को भी उचित कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण सब्जियां मिलेंगी।