back to top
19 अप्रैल, 2024
spot_img

Toxic: Bihar के 900+ तालाबों और पोखरों में जहर?

क्यों! मर रहीं मछलियां? NGT का Draft तैयार

spot_img
spot_img
spot_img

क्या बिहार के तालाबों में है जहर? बिहार के 900 से अधिक तालाबों और पोखरों के पानी की क्यों होने लगी अचानक से जांच, क्या इसकी पानी में ‘जहर’? Bihar के 900+ तालाबों और पोखरों में जहर? क्यों! मर रहीं मछलियां? NGT का Draft तैयार| NGT के आदेश पर 900+ तालाबों और पोखरों की जांच – आखिर क्यों है जरूरी। जानिए इस रिपोर्ट में 

बिहार में पानी की गुणवत्ता की जांच अब एक बड़े स्तर पर शुरू होने जा रही है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर राज्य के 920 तालाबों और पोखरों के पानी की जांच की जाएगी। इस जांच का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ये जल स्रोत पारिस्थितिकीय रूप से सुरक्षित हैं और मछली पालन के लिए उपयोगी हैं या नहीं।

यह भी पढ़ें:  Patna Haj Bhawan: वक्फ बोर्ड विवाद के बाद डैमेज कंट्रोल! हज भवन, हज यात्री और CM Nitish का खास निर्देश

जांच के प्रमुख उद्देश्य

  • पानी की गुणवत्ता की जांच में यह देखा जाएगा कि तालाबों या पोखरों का पानी जहरीला तो नहीं है और क्या यह मछली पालन के लिए उपयुक्त है।

  • तालाब के पानी में ऑक्सीजन और पानी का तापमान जैसी महत्वपूर्ण पारामीटर की जांच की जाएगी।

  • इसके अलावा, पानी में विभिन्न रासायनिक तत्वों और जीवाणुओं की भी जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है।

नोडल लैब्स की स्थापना

  • भागलपुर को इस जांच प्रक्रिया के लिए नोडल लैब के रूप में चुना गया है। यहां से बांका, बेगूसराय, खगड़िया और मुंगेर के पानी की जांच भी की जाएगी।

  • इसके अलावा, पटना, मुजफ्फरपुर, अररिया, बिहारशरीफ, और सासाराम में भी लैब स्थापित की गई हैं, जहां जांच की प्रक्रिया होगी।

  • इन लैब्स में पानी के 7 महत्वपूर्ण पारामीटर की जांच की जाएगी, जैसे कि कलर, टेम्परेचर, डीओ, बीओडी, सीओडी, टीसी, और एफसी

यह भी पढ़ें:  Bihar Politics Tejashwi V/s Nitish: क्या है घोटाले का सच? बिहार में घमासान! टेंडरों में 30% कमीशन...

तालाबों का स्वास्थ्य कैसा है?

  • भागलपुर नोडल लैब में 82 तालाबों का परीक्षण किया जाएगा, जिसमें 52 तालाब भागलपुर, 15 बांका, 6 बेगूसराय, 5 खगड़िया, और 4 मुंगेर से हैं।

  • यह जांच प्रक्रिया हर तीन महीने में की जाएगी, ताकि पानी की गुणवत्ता पर निरंतर निगरानी रखी जा सके।

विशेषज्ञों की राय : जल स्रोत आदर्श है या नहीं

  • विशेषज्ञों के मुताबिक, यह जांच मछली पालन के लिए तालाबों के उपयुक्तता को जांचने के लिए महत्वपूर्ण है।

  • तालाबों के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा, तापमान और अन्य रासायनिक तत्वों की जांच से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मछलियों के पालन के लिए वह जल स्रोत आदर्श है या नहीं।

यह भी पढ़ें:  KK Pathak News: केके पाठक का बिहार को 'टाटा बाय-बाय' फिर चले केंद्र, बनेंगे Additional Secretary चले

निष्कर्ष: सुरक्षित उपयोग हो सुनिश्चित

यह कदम बिहार में जल स्रोतों के संरक्षण और उनके उपयोग की सतत निगरानी की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। एनजीटी के आदेश से पानी की गुणवत्ता की जांच और उसकी समय-समय पर निगरानी से न केवल मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पानी के सुरक्षित उपयोग को भी सुनिश्चित किया जाएगा।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया deshajtech2020@gmail.com पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें