Darbhanga में दुकानदारों का फूटा गुस्सा! Ashok Nayak ने कहा, पुल निगम लापरवाह, कोर्ट का खौफ खत्म, विरोध में बाजार बंद।
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम (BRPNN) की लापरवाही और दुकानदारों के भयादोहन के विरोध में दरभंगा नगर निगम व्यवसायी महासंघ ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक नायक के नेतृत्व में बीके रोड के सभी दुकानदारों ने सुबह 7 बजे से अपनी दुकानें बंद कर शांतिपूर्ण धरना शुरू किया।
उच्च न्यायालय के आदेश की अनदेखी का आरोप
अध्यक्ष अशोक नायक ने आरोप लगाया कि पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना पदाधिकारी द्वारा पटना उच्च न्यायालय के आदेश (C.W.J.C No. 13134/2024) का पालन नहीं किया जा रहा है।
4 फरवरी 2025 को नगर आयुक्त, पुल निगम के अधिकारी और दुकानदारों की संयुक्त बैठक में निर्णय हुआ था कि:
10 दिनों के भीतर वर्तमान दुकानों के पीछे नाला निर्माण होगा।
इसके बाद नगर निगम नया बाजार भवन बनाएगा और 61 पीड़ित दुकानदारों को पुनर्स्थापित करेगा।
महासंघ का कहना है कि पुल निगम इस निर्णय और न्यायालय के आदेश की अनदेखी कर दुकानदारों को डराने-धमकाने का कार्य कर रहा है।
पुल निगम पर गंभीर आरोप
दुकान संख्या 73 और 74 के सामने पुल निगम ने बड़ी-बड़ी मशीनें खड़ी कर दीं और सरक काटने का कार्य शुरू कर दिया।
विरोध करने पर पुल निगम के कर्मियों ने दुकानदारों से झगड़ा किया और कहा कि “पुल निगम न्यायालय का आदेश नहीं मानती, दुकान खाली करो।”
महासंघ ने साफ कहा कि पहले नाला निर्माण हो, तभी नया बाजार भवन का निर्माण शुरू हो।
प्रशासन की हस्तक्षेप और समाधान
धरना स्थल पर पुल निगम के एसडीओ उत्तम कुमार और लहेरियासराय थाना प्रभारी दीपक कुमार पहुंचे।
बातचीत में अधिकारियों ने भरोसा दिया कि:
25 अप्रैल 2025 तक नाला निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
दुकानों के सामने कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा।
थाना प्रभारी ने चेतावनी दी कि यदि निर्णय का पालन नहीं हुआ तो पुल निगम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
धरना में शामिल प्रमुख लोग
नीलांबर झा, नरसिंह यादव..मृत्युंजय झा, दीपक जयसवाल, प्रभाकर सिंह, शंकर तिवारी, शंकर चौधरी,गिरजानंद झा,प्रवीण झा, सुमन गुप्ता, पंकज सोनी, दिनेश चौधरी, महेश चौधरी, मो. आशिक, मनोज चौधरी, पप्पू राय, बच्चा बाबू, शंभूनाथ ठाकुर,सुनील मंडल, संतोष खरगा, बिकाऊ चौधरी
निष्कर्ष: बीके रोड के दुकानदारों के साथ करो न्याय
बीके रोड के दुकानदारों ने संविधानिक तरीके से अपनी आवाज उठाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं होता और नाला निर्माण कार्य शुरू नहीं होता, तब तक वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।